कोल्हापुर: पिछले कुछ वर्षों में, वैश्विक बाजार में लंबे समय तक अतिरिक्त आपूर्ति और कम कीमतों के कारण चीनी उद्योग काफी खराब दौर से गुजर रहा था, जिसके बाद भी उद्योग के कई स्थापित खिलाड़ियों ने बड़े कदम उठाने से परहेज किया था। भारतीय चीनी उद्योग इन मुश्किल परिस्थितियों में खुद को बचाने की जद्दोजहद में लगा था। हालांकि, ऐसे विपरीत परिदृश्य के बीच एक शख्स ने न केवल चीनी उद्योग में प्रवेश किया बल्कि अपने दूरदर्शी नेतृत्व से अपना अलग मुकाम बना लिया है, और वो दूरदर्शी लीडरशिप का नाम है मानसिंग खोराटे।
सोलापुर की लोकशक्ति शुगर्स का किया अधिग्रहण…
चार साल पहले 2019 में कोल्हापुर जिले के चंदगड तहसील में स्थित बंद पड़ी दौलत सहकारी चीनी मिल की कमान अपने हाथों में लेकर उन्होंने बड़ी सफलता से उसे चला रहे है। एक कदम आगे बढकर अब मानसिंग खोराटे के अथर्व इंटरट्रेड ग्रुप ने नवंबर 2023 में सोलापुर की लोकशक्ति शुगर्स का स्वामित्व हासिल कर लिया है। मानसिंग खोराटे के साथ अब उनके बेटे पृथ्वीराज खोराटे भी जुड़ गये है। पृथ्वीराज खोराटे के माध्यम से अब उद्यमी मानसिंग खोराटे की दूसरी पीढ़ी भी चीनी उद्योग में सक्रीय हो चुकी है। लोकशक्ति शुगर्स के अधिग्रहण प्रक्रिया में पृथ्वीराज खोराटे ने काफी अहम भूमिका निभाई है। लोकशक्ति शुगर्स की अपनी सह-उत्पादन परियोजना है। मिल की पेराई क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ एथेनॉल परियोजना भी जल्द शुरू करने की योजना बनाई गई है।
चीनी ब्रोकर से बने चीनी मिलर…
आपको बता दे की, खोराटे एक जानेमाने चीनी ब्रोकर है, और अब उन्होंने चीनी उद्योग को एक लाभदायक व्यवसाय बनाकर और उद्योग द्वारा इसे देखने के रूप में धारणा को बदल दिया है। चीनी उद्योग में ब्रोकर से अब मिलर के रूप में उन्होंने तय किया हुआ रास्ता काफी सराहनीय है। कोल्हापुर के रहने वाले खोराटे ने अपने करियर की शुरुआत एक केमिकल इंजीनियर के रूप में एक प्राइवेट केमिकल फैक्ट्री में प्रोडक्शन ऑफिसर के रूप में की थी।
उन्होंने फैक्ट्री में कुछ साल बिताए और तब तक कड़ी मेहनत की, जब तक कि उन्होंने पूरी यूनिट को फैक्ट्री मैनेजर के रूप में प्रबंधित नहीं किया। उनके अनुभव और साहसी लक्ष्यों ने उन्हें अपने दम पर कुछ करने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने शुरू में ऑक्सालिक एसिड में निर्यात के साथ काम शुरू किया जो गन्ना, चीनी और कई वैकल्पिक स्रोतों से उत्पादित होता है। उसके बाद अथर्व इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक खोराटेजी ने चीनी निर्यात में दमदार कदम रखा।
मानसिंग खोराटे ने हजारों गन्ना किसानों को दी राहत ….
हालाँकि, उन्हें उद्योग में एक नया खिलाड़ी होने के कारण उनके लिए खुद को साबित करने के लिए मुश्किल समय था, लेकिन थोड़े ही समय के भीतर, वह बड़ी कंपनियों के साथ एक प्रमुख ब्रोकर बनने में कामयाब रहे। निर्यात में उनकी प्रभावशाली गतिशीलता को देखते हुए उन्हें घरेलू चीनी व्यापार में कदम रखने के लिए प्रोत्साहित किया। वर्तमान में, कंपनी के पास घरेलू व्यापार और निर्यात में पूर्ण परिचालन है, जिसमें लगभग 1,000 करोड़ रुपयों से ज्यादा का कारोबार होता है। 2019 में, उनकी अथर्व इंटरट्रेड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 39 साल के लिए दौलत शुगर मिल (हलकर्नी) को लीज पर ले लिया, और उसे पूरी शिद्दत के साथ चलाकर हजारों किसान और मिल कर्मियों को राहत दी है।
लोकशक्ति शुगर्स की 3,500 टन पेराई क्षमता…
लोकशक्ति शुगर्स फैक्ट्री को खरीदने की होड़ में आठ कंपनियां थीं। उच्चतम लागत वाली निविदा और अच्छे प्रबंधन अनुभव के कारण अथर्व इंटरट्रेड ग्रुप को सफलता मिली। फैक्ट्री से क्षेत्र के 25 हजार किसान परिवारों को लाभ होगा। फैक्ट्री की क्षमता 3,500 प्रतिदिन है। मिल 72 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। दक्षिण सोलापुर अक्कलकोट और कर्नाटक सीमा क्षेत्रों के एक बड़े क्षेत्र को कवर करता है। इस क्षेत्र में दो नदियाँ होने के कारण गन्ने के खेत प्रचुर मात्रा में हैं।