नई दिल्ली : पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, वैश्विक जैव ईंधन बाजार 500 अरब डॉलर का हो सकता है। मंत्री पुरी ने उन दावों को भी सिरे से खारिज कर दिया कि, जैव ईंधन खाद्य असुरक्षा पैदा करेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि, एथेनॉल विभिन्न स्रोतों से बनाया जा सकता है। एनर्जी ट्रांजिशन डायलॉग 2023 में बोलते हुए, पुरी ने कहा कि जैव ईंधन बाजार आज लगभग 92 बिलियन डॉलर का है और दो वर्षों में 162 बिलियन डॉलर का होने जा रहा है।लेकिन, भविष्य में यह 500 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की संभावना है।
मंत्री पुरी ने कहा कि, भारत को 20 प्रतिशत मिश्रण के लिए लगभग 1,000 करोड़ लीटर एथेनॉल की आवश्यकता है, और भारत इस संभावित लक्ष्य तक पहुंच सकता है क्योंकि भारत पहले से ही 600 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन कर रहा है। पानीपत में कृषि अपशिष्ट से एथेनॉल उत्पादन का हवाला देते हुए, मंत्री पूरी ने कहा कि एथेनॉल वास्तव में कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक समर्थन प्रणाली हो सकती है।
पेट्रोलियम मंत्री पूरी ने यह भी कहा कि, भारत फिलहाल पेट्रोल में 12 फीसदी एथेनॉल मिला रहा है। उन्होंने कहा, आज, कोई भी यह सवाल नहीं कर रहा है कि क्या हम 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण हासिल कर लेंगे। वे पूछ रहे हैं कि क्या हम इससे आगे जा सकते हैं।हरित हाइड्रोजन पर पुरी ने कहा कि, यह भविष्य का ईंधन है और भारत में सफल होगा।मंत्री पुरी ने कहा, हरित हाइड्रोजन वहां सफल होगा जहां उपभोग और उत्पादन केंद्रों के बीच निकटता होगी।