वैश्विक चावल उत्पादन में 2022-23 में गिरावट का अनुमान

नई दिल्ली: खराब मौसम के चलते 2022-23 में तीन साल में पहली बार वैश्विक चावल उत्पादन में गिरावट होने का अनुमान लगाया जा रहा है। दुनिया के शीर्ष निर्यातक भारत ने प्रचुर आपूर्ति के साथ वैश्विक चावल की कीमतों को कम करने में मदद की है। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर अन्य कृषि वस्तुओं की कीमतों में तेजी से उछाल आने के बावजूद चावल की कीमत अभी तक स्थिर बनी हुई है। लेकिन अब चावल की आपूर्ति में संभाव्य कमी चावल की कीमतों पर ऊपर की ओर दबाव डाल सकता है और कई देशों में खाद्य असुरक्षा और खाद्य मूल्य मुद्रास्फीति में तेजी के संकेत मिल रहे है।

चावल की बढ़ती कीमतों का पहले से ही कई देशों की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। दुनिया के नंबर 1 चावल निर्यातक भारतने सितंबर में टूटे हुए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और कुछ अन्य प्रकार के चावल के निर्यात पर 20% शुल्क लगाया है। यूएसडीए के अनुमान के मुताबिक, चावल का वैश्विक उत्पादन साल दर साल 2% घटने का अनुमान है।सबसे बड़ा चावल उत्पादक और उपभोक्ता चीन के दक्षिणी प्रांतों में सूखे की स्थिति के कारण उत्पादन कम होने का अनुमान है। इसी तरह, भारत के पूर्वोत्तर में शुष्क स्थिति चावल उत्पादन को कम कर देगी। इस बीच, पड़ोसी देश पाकिस्तान में बाढ़ ने धान के पूरे खेत को बहा दिया है। अमेरिकी चावल का उत्पादन 30 वर्षों में सबसे निचले स्तर तक गिरने का अनुमान है। थाईलैंड और वियतनाम में उच्च चावल उत्पादन की उम्मीद है।

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