यह चीनी मिल बन सकता है बड़ा चुनावी मुद्दा

 

यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये

बाराबंकी: चीनी मंडी

अच्छे दिन आयेंगे…युवाओं को रोजगार दिलाएंगे….महिलाओं को उनका हक मिलेगा….पिछले कई लोकसभा चुनाव में ऐसे मनलुभावन वादों के जरिये वोट बटोरने वाले राजकीय दलों से जनता अब उब चुकी है। बाराबंकी निवासी लोगों का अनुभव इससे अलग नही है। अब फिर एक बार लोकसभा को लेकर एक बार फिर नेता मतदाताओं की चौखट पर हाजिरी लगाने लगे हैं। लेकिन अब तक चुप रहनेवाले मतदाता भी उनके वादों को याद दिला रहे हैं। बाराबंकी की बुढ़वल चीनी मिल 11 वर्षों से बंद है। इस दौरान लोकसभा से लेकर विधानसभा तक के चुनाव में किसानों की इस मांग को पूरा करने का वादा पूरा होता नहीं दिख रहा है।

इस चुनाव में बुढ़वल चीनी मिल बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है, क्योंकि इसमें काम करने वाले कर्मचारी तो बेरोजगार हुए ही बल्कि सबसे बड़ा किसान वर्ग प्रभावित हुआ है। बुढ़वल शुगर मिल में सीजन के समय एक हजार से ज्यादा और हाफ सीजन में करीब 500 कर्मचारी नौकरी करते थे। लेकिन पिछले ग्यारह सालों से मिल को ताला लगा हुआ है।

शुगर मिल की क्षमता बढ़ाने के लिए सपा सरकार में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के कार्यकाल में 85 एकड़ किसानों की जमीन को अधिकृत किया गया था। उन्होंने उद्घाटन भी किया लेकिन कोई कार्य नहीं हुआ। उसके बाद भाजपा सरकार आई तो मिल बनने का जो सामान आया था, उठकर दूसरी जगह चला गया। फिर बसपा सरकार आई तो मिल लगभग साढे़ 4 करोड़ में बेच दी गई। उसके बाद सपा की सरकार बनी चुनाव के समय अखिलेश यादव ने बुढ़वल चीनी मिल चलाने का वादा किया लेकिन 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी मिल नहीं चल सकी। विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री आदित्य योगी नाथ ने मिल चलाने का वादा किया था, लेकिन वो भी अभी तक नाकाम साबित हुए है। चुनाव का ऐलान होने के साथ ही बुढ़वल चीनी मिल का मुद्दा गरमाने लगा है। मिल चलवाने का वादा करके वोट हथियाने वाले नेताओं के सामने इस बार चुनाव में अहम मुद्दा उभर कर सामने आ रहा है।

डाउनलोड करे चीनीमंडी न्यूज ऐप:  http://bit.ly/ChiniMandiApp

SOURCEChiniMandi

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here