काठमांडू: नेपाल में गन्ना भुगतान का मुद्दा अब तक पूरी तरह से नहीं सुलझा है। चीनी मिल संचालकों और सरकार के आश्वासन के बावजूद कई गन्ना किसानों को 2013 के बाद से अबतक उनके गन्ने का भुगतान नहीं मिला है। किसानों को लगता है कि मिल मालिकों ने उनके साथ घोखा किया है। सरकार भी इसमें उनके लिए कुछ नहीं कर रही। इससे किसानों में खासी नाराजगी है।
गत साल 29 दिसंबर 2019 को नेपाल के तराई क्षेत्र के विभिन्न जिलों के गन्ना किसानों ने देश की राजधानी काठमांडू में विरोध प्रदर्शन किया था और चीनी मिलों द्वारा अपने बकाये के भुगतान की मांग की थी। किसानों की इस व्यथा को लेकर फेडरेशन ऑफ नेपाली चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (FNCCI) के प्रतिनिधियों ने सरकार से मुलाकात की और किसानों के पेमेंट को लेकर मिल मालिकों पर कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मिल मालिक किसानों के भुगतान करने में कोताही बरत रहे हैं।
इस साल 2 जनवरी 2020 को गन्ना किसानों ने सरकार को सात दिन का अल्टीमेटम दिया था औऱ भुगतान न मिलने की सूरत में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी।
जनवरी के दूसरे सप्ताह में उद्योग मंत्रालय में आयोजित गन्ना किसानों के साथ एक बैठक के दौरान उप प्रधान मंत्री ईशोर पोखरेल, उद्योग मंत्री लेखराज भट्टा और कृषि मंत्री घनश्याम भुसाल ने 21 जनवरी तक गन्ना किसानों के सभी बकाया भुगतान को समाप्त करने का आश्वासन दिया था।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.