संगरूर: भगवानपुरा शुगर मिल (धुरी) के अधिकारियों ने इसके बंद होने की घोषणा की है, जिससे लगभग 350 गांवों के गन्ना किसानों के बीच चिंता पैदा हुई है। किसानों ने मांग की है कि, सरकार को जिले में कृषि विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए मिल पर कब्जा करना चाहिए। मिल के उप महाप्रबंधक अरुण शर्मा ने कहा, हमने मिल को बंद करने का फैसला किया है क्योंकि हमें आवश्यक गन्ना नहीं मिल रहा है। मिल का पेराई सीजन कम से कम 150 दिनों तक चलना चाहिए, लेकिन पिछले दो वर्षों केवल 50 दिन पेराई हो रही है। उन्होंने कहा, हमें 45 लाख क्विंटल गन्ने की आवश्यकता है, लेकिन केवल 3 लाख क्विंटल गन्ना मिल रहा है। इसके अलावा, किसानों का बार -बार विरोध प्रदर्शन भी मिल बंद होने का एक और कारण है।
गन्ना किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष हरजीत सिंह बुगरा ने कहा कि, मिल बंद होने से किसानों के हजारों परिवारों के सामने एक गंभीर समस्या पैदा होगी, जो मिल पर निर्भर है। उन्होंने अनावश्यक विरोध प्रदर्शनों के आरोपों से भी इनकार किया और आरोप लगाया कि बकाया भुगतान में देरी ने उन्हें हर साल विरोध करने के लिए मजबूर किया।हमारे 20.79 करोड़ रुपये मिल के पास लंबित है। मुख्यमंत्री भगवंत मान को हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि अगर मिल बंद हो जाती है, तो लगभग 350 गांवों के गन्ना किसानों को भारी नुकसान होगा। सरकार को इसे संभालना चाहिए। सरकार को किसानों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक बहुत जरूरी तंत्र तैयार करना चाहिए।
धूरी एसडीएम अमित गुप्ता ने कहा, हम मिल को कार्यात्मक रखने और किसानों और मिल अधिकारियों के बीच बैठक की योजना बना रहे है। हम मिल अधिकारियों को मिल को शुरू रखने के लिए समझाने के साथ साथ उनके भुगतान और अन्य मुद्दों को हल करने की कोशिश करेंगे।