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मुंबई : चीनी मंडी
राज्य में गन्ना किसानों के बिलों की वसूली और कानून के क्रियान्वयन के लिए चीनी आयुक्तों द्वारा की गई कड़ी मेहनत के पीछे स्वाभिमानी शेतकरी संगठन की आक्रामक भूमिका कामयाब रही है। चीनी मिलों से बकाया भुगतान प्राप्त करने के लिए किसान संघठनों के दबाव ने किसानों के लगभग 6,000 करोड़ चुकाने में मदद की है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा चीनी की न्यूनतम बिक्री की किमत में वृद्धि और वित्तीय संस्थानों द्वारा चीनी की कीमतों में वृद्धि के फैसले से गन्ना किसानों का बकाया मार्च तक घटकर 10 प्रतिशत तक आ सकता है।
पिछले दो दशकों से महाराष्ट्र में चीनी सीजन शुरू होने से पहले चीनी मिलें और गन्ना किसानों के बीच संघर्ष चलता आ रहा है। गन्ना किसान ऐन दिवाली में मिलों से लड़ने के लिए सड़क पर उतर जाते है और दिवाली में कई किसान जेल में भी होते हैं। इस स्थिति को देखते हुए, केंद्र सरकार ने न्यूनतम गन्ना बिक्री मूल्य निर्धारित किया और गन्ना आदेश के अनुसार, कानून में प्रावधान किया है कि गन्ना उर्वरक के 15 दिनों के बाद, किसानों को मिलों से एकमुश्त बिलों का भुगतान करना चाहिए।
इस सीझन में चीनी की कीमतों में गिरावट के कारण, मिलों को एफआरपी के पैसे चुकाने में देरी हो रही है। चीनी सीजन खत्म होने के कगार पर है, फिर भी कई मिलों के पास किसानों को देने के लिए पैसों की कमी है। इसलिए स्वाभिमानी शेतकरी संगठन ने राजू शेट्टी के नेतृत्व में राज्यव्यापी आंदोलन किया। सांसद शेट्टी ने चीनी आयुक्तों पर आन्दोलन के जरिये दबाव बनाया और उन्हें कानून को लागू करने के लिए मजबूर किया। इससे चीनी मिलों को किसानों का बिलों का भुगतान करना पड़ा है।
महाराष्ट्र में, 192 मिलों ने 15 फरवरी तक लगभग 7.88 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन किया है और चीनी उत्पादन बढ़कर 866 मिलियन टन हो गया है। इस पेराई सत्र में गन्ने का लगभग 22 हजार करोड़ रुपया किसानों को देय था। इसमें से 15, 605 करोड़ रुपये का संयुक्त बकाया था। गन्ना भुगतान नहीं होने पर पीड़ित किसान सड़क पर आ गये थे। किसान संघठनो के दबाव के कारण चीनी कमिश्नर ने राजस्व नोटिस जारी कर राज्य की 45 मिलों के लिए चीनी की जब्ती का आदेश दिया। इसका अपेक्षित परिणाम पहले ही सामने आ चुका है। 20 मिलों ने 100 प्रतिशत उत्पादकों को भुगतान किया। 44 मिलों ने 80 से 90 प्रतिशत भुगतान किया और 61 मिलों ने 60 से 69 प्रतिशत राशि का भुगतान किया है। यह अनुमान है कि, मार्च के अंत तक,मिलों का बकाया 10 प्रतिशत हो जाएगा।
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