जब तक गन्ना किसानों का लाभ अधिकतम नहीं होगा, तब तक उद्योग सफल नहीं होगा : संजय सचेती

“शेतकरी मेळावा”, गन्ना किसानों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, ओलाम एग्रो इंडिया द्वारा 28 मई को सॉलिडेरिडाड के सहयोग से आयोजित, राजगोली, महाराष्ट्र में चीनी उद्योग और कृषि से उपस्थित लोगों और विशेषज्ञों की विशाल भागीदारी के साथ सफल हुआ। इस आयोजन का उद्घाटन श्री संजय सचेती, कंट्री हेड-ओलम, और श्री भरत कुंडल, इंडिया बिजनेस हेड-शुगर ने किया।

यह गन्ना विकास कार्यक्रम के तहत गन्ना उत्पादकों को शिक्षित करने के इरादे से आयोजित किया गया था, जिसमें उन्हें अच्छे गन्ने कैसे उत्पादित किया जाये इसके बारें में सम्बोधित किया गया।

कार्यक्रम में अतिथियों ने मुख्य रूप से कृषि उत्पादकता, स्वस्थ और लाभदायक खेती, और अनेक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि किसान खेती में अपने प्रदर्शन को कैसे बेहतर बना सकते हैं और कैसे अधिक उत्पादन प्राप्त की जाये।

कार्यक्रम में उपस्थित गन्ना किसानों ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि वे इस चीनी मिल का हिस्सा बनने हेतु अपने आप को बहुत भाग्यशाली समझते हैं।

यह कार्यक्रम में किसान ने कहा, “यह तथ्य ज्ञात है कि महाराष्ट्र में गन्ना किसान अपना उचित और पारिश्रमिक मूल्य (FRP) पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि ओलम ने हमारे FRP भुगतान में कभी देरी नहीं की और हमें समय पर भुगतान किया बेहतर कीमत के साथ। ओलम के भरत कुंडल हमारे संकट के समय हमारी सहायता करने के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं। कंपनी में इतने उच्च पद पे होते हुए भी वह हमारे लिए हमेशा मौजूद रहते है यह सराहनीय है। ”

श्री, संजय सचेती ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “हम अभी तक अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचे हैं। हमें गन्ने का उत्पादन और किसानों का लाभ कैसे बढ़ाया जा सकता है, इसके तरीके खोजने होंगे। हम बहुत स्पष्ट हैं कि जब तक गन्ना किसानों के मौद्रिक लाभ को अधिकतम नहीं किया जा सकता है, तब तक चीनी उद्योग सफल नहीं होगा। हमें इस पर काम करना होगा कि गन्ने का उत्पादन 100 टन प्रति हेक्टेयर तक कैसे पहुंचा जाए। सरकार हमें कुछ हद तक ही समर्थन दे सकती है, लेकिन अंत में यह हम पर है कि अधिक उत्पादन करके हम अपने लाभ को कैसे बढ़ाते हैं।”

श्री, भरत कुंडल ने चिनीमण्डी डॉट कॉम से बात करते हुए कहा, “ओलम पर गन्ना किसानों का समर्थन और विश्वासअगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में हम 10 लाख टन गन्ने की पेराई करेंगे। हम उन्हें नवीनतम तकनीक के बारे में प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं जिसे वह अपनाकर गन्ने की अच्छी पैदावार कर सके। हम हमेशा किसी भी रूप में गन्ना किसानों की सहायता के लिए तैयार हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here