धामपुर : गन्ना वैज्ञानिक पद्मश्री डॉक्टर बख्शी राम ने किसानों से गन्ना फसल को बचाने के लिए खेती को वैज्ञानिक तकनीक अपनाने की अपील की। गन्ने की फसल में कीटों के भयंकर प्रकोप के मद्देनजर डॉक्टर बख्शी राम ने गन्ना विभाग के अधिकारियों के साथ कई गांवों का दौरा किया। उन्होंने कई खेतों में जाकर गन्ना फसल का मुआयना किया। गांव उदुपुरा, कौड़ीपुरा, भुरापुर, गोयली, शेरकोट, बालकिशनपुर, मिर्जापुर, नसिरदीवाला, हाफिजाबाद का भ्रमण करने के बाद डॉक्टर बख्शी राम ने बताया कि अधिकांश खेतों में चोटी बेधक, दीमक, कंसुवा, काली चींटी आदि का प्रकोप हो रहा है। लाल सड़न बीमारी के लक्षण पाए गए है। बीमारी से ग्रसित पौधों को जड़ से उखाड़ बाहर निकाल कर जलाने, उनकी जड़ में ब्लीचिंग पाउडर डालने, हेक्सा टॉप, फंगीसाइड का स्प्रे करने का सुझाव दिया।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, ग्राम हाफिजाबाद में किसान गोष्ठी की। उन्होंने बताया कि, यूरिया का प्रयोग सूखे खेत में सिंचाई करने से पहले न करें।जब पर्याप्त नमी हो, तभी यूरिया का प्रयोग करें। ट्राइकोडर्मा के साथ किसी भी दवाई का मिश्रण नहीं करना चाहिए। गन्ना प्रजाति को. 0118, को. 15023 व को. लख. 14201 का क्षेत्र बढ़ाएं। इस मौकेपर मिल के संयुक्त प्रबंध निदेशक इशान गोयल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अक्षत कपूर, उपाध्यक्ष निष्काम गुप्ता, गन्ना जीएम ओमवीर सिंह, मनोज कुमार चौहान आदि मौजूद रहे।