मुंबई। क्रिसिल का कहना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी किये जाने से देश की 1000 बड़ी कंपनियां लगभग 37,000 करोड़ रुपये की टैक्स बचत कर सकती हैं।
कंज्यूमर से जुड़े सेगमेंट को 30 प्रतिशत से अधिक का लाभ मिलेगा। आईटी और फार्मा जैसे निर्यात से जुड़े सेगमेंट को केवल 5-6 प्रतिशत ही संभावित बचत का लाभ होगा क्योंकि वे पहले ही कम टैक्स दरों का फायदा उठा रहे हैं।
क्रिसिल रिसर्च का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कई उपायों की शुरुआत की गई है। केंद्रीय वित्तमंत्री की शुक्रवार की घोषणा हालांकि काफी महत्वपूर्ण है। इससे वर्तमान वित्तीय वर्ष में भारत के राजस्व और एबिटडा (Ebidta) में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। बचत भी अधिक हो सकती है। सब-सेगमेंट में लाभ भी भिन्न भिन्न होंगे। उदाहरण के लिए खपत सेगमेंट को देखें तो ऑटोमोबाइल निर्माताओं को, जो उनकी कुल वॉल्यूम का 50 प्रतिशत है, यह बताता है कि कम टैक्स दरों के कारण उन्हें केवल सीमित लाभ ही मिलेंगे। लेकिन ऑटो कंपोनेंट निर्माता, जो अधिक प्रभावी टैक्स दरों को वहन करते हैं, को ज्यादा लाभ मिलेगा। यह 70 कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है। इन कंपनियों का बाजार हिस्सा 20 प्रतिशत है।
क्रिसिल के रिपोर्ट में कहा गया है कि हमे खपत से जुड़े लोगों से बातचीत से पता चला है कि इन कंपनियों द्वारा डिस्काउंट और सामरिक मूल्य को शिफ्ट करने से लाभ अच्छा हो सकता है।
घरेलू कंपनियां जो 1 अक्टूबर, 2019 को या उसके बाद स्थापित होंगी और जो मैन्युफैक्चरिंग में नया निवेश लाएंगी, को केवल 15 प्रतिशत की दर से आयकर देने का विकल्प किया गया है। यह लाभ उन कंपनियों को मिलेगा जो 31 मार्च 2023 को या उससे पहले उत्पादन शुरू करेंगी। तब उन्हें सरचार्ज और सेस सहित 17.01 प्रतिशत टैक्स देने होंगे।
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