सातारा: भारत भर में पश्चिमी महाराष्ट्र से 31 अगस्त तक चीनी सहित अन्य तरह के ट्रांसपोर्टेशन को बंद रखने का फैसला विभिन्न ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और ट्रक यूनियन के बैठक में लिया गया।
सातारा जिले के कराड में 19 अगस्त को बैठक के दौरान यह अहम फैसला लिया गया। इस बैठक में फिर एक बार ‘जिसका माल, उसका हमाल’ इसपर चर्चा हुई। यह लोडिग और अनलोडिंग वराई चार्ज से भी जाना जाता है।
यह बैठक कि अध्यक्षता प्रकाश गवली ने की और इस बीच कोल्हापुर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, सातारा ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, कराड ट्रांसपोर्ट और मोटर मालिक असोसिएशन, सांगली ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, पुणे ट्रक ओनर असोसिएशन, शिरोली नागांव ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, सोलापुर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, रत्नागिरी ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, सिधुदुर्ग ट्रांसपोर्ट असोसिएशन, फलटण ट्रक/मोटर मालिक यूनियन, शिरोली ट्रक/मोटर मालिक यूनियन, मिरज ट्रक/मोटर मालिक यूनियन, मिरज स्वाभिमानी, ट्रक ओनर संघटना, फलटण ट्रक/मोटर मालिक यूनियन, हतकनंगले/वठार ट्रक/मोटर मालिक यूनियन और भी कई ट्रांसपोर्ट और मोटर मालिक यूनियन बड़ी संख्या में शामिल हुए।
आपको बता दे, पिछले कई सालों से महाराष्ट्र के सभी ट्रांसपोर्टर्स और मोटर मालिक ‘जिसका माल, उसका हमाल’ इस विषय के लिये लड़ रहे है। विभिन्न जगहों पर इस मुद्दे को कई बार संबोधित किया गया है और बीच का रास्ता भी निकाला गया। हालाँकि, पश्चिमी महाराष्ट्र में एक साल से अधिक समय से इस मुद्दे पर बहस चल रही है।
बैठक में दावा किया की, प्रावधानों के बाद भी माल लोडिंग-अनलोडिंग का खर्चा ट्रान्सपोर्टर्स को ही उठाना पड़ता है। इससे ट्रान्सपोर्टर्स को काफी नुकसान हो रहा है, और यह नुकसान रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है। इस फैसले के बाद चीनी समेत अन्य कोई भी माल जिसकी लोडिंग-अनलोडिंग करनी पड़ती है, उसका 31 अगस्त तक ट्रांसपोर्टेशन बंद रहेगा। बैठक में कहा गया है की, फैसले का पालन करना सभी ट्रांसपोर्ट और मोटर मालिक को करना अनिवार्य है।
चीनीमंडी न्यूज से बात करते हुए सांगली जिला ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री बालासाहेब कलशेट्टी और सांगली स्थित ट्रांसपोर्टर श्री जयंत सावंत ने इस स्थिति पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “माल की लोडिंग/अनलोडिंग वराई के संचालन में ट्रक-चालक एक सॉफ्ट टारगेट होता है और ट्रांसपोर्टरों के अनुसार इन लेनदेनों के संचालन/भुगतान के लिए ड्राइवर जिम्मेदार नहीं होना चाहिए। विभिन्न राज्यों में एक ही ट्रांसपोर्टर द्वारा कई वस्तुओं का परिवहन किया जाता है, यहां न तो चालक और न ही ट्रांसपोर्टर को इस बात का अंदाजा है कि परिवहन किए गए माल के लिए वराई को लोड/अनलोड करने के लिए कितनी राशि का दावा किया जाएगा। सबसे पहले माल का परिवहन केवल हमारा दायरा है, दूसरी बात यह है कि वारई शुल्क की लोडिंग/अनलोडिंग कहीं भी 100 से 150 रूपये /टन के बीच होती है, जो हमारे परिचालन व्यय को भारी रूप से बढ़ा देती है। हम व्यावहारिक रूप से इन भुगतानों और संचालनों को संभालने की स्थिति में नहीं हैं और इसलिए हमारी मांग बनी हुई है कि माल मालिक हमाल प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होना चाहिए या ड्राइवर या ट्रांसपोर्टर की भागीदारी के बिना हमाली को सीधे हमाली/वराई शुल्क का भुगतान करना चाहिए।”
नाम न बताने की शर्त पर मुंबई के एक व्यापारी ने कहा, ‘व्यापारी हमाली शुल्क का भुगतान करने के लिए तैयार हैं और इसके केवल दो तरीके हैं।”
1. ट्रांसपोर्टर द्वारा हमाली को परिवहन भाड़े में शामिल करना।
2. बेची गई चीनी की बिलिंग करते समय मिलर व्यापारियों से लोडिंग चार्ज भी वसूल सकते हैं।
उन्होंने कहा, “हालांकि, हमारे व्यापारियों के अनुसार, ट्रांसपोर्टर के माध्यम से परिवहन लागत के तहत इन शुल्कों की जवाबदेही रखना आसान है। ट्रांसपोर्टर मांग कर रहे हैं कि यदि मिलर को सीधे भुगतान नहीं किया जाता है तो शुल्क का भुगतान करने के लिए एक व्यक्ति को भेजा जाए, जो कि जहां से चीनी उठाई जाती है, वहां से अलग-अलग दूरी को देखते हुए व्यावहारिक रूप से व्यवहार्य नहीं है।”
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