नई दिल्ली / काठमांडू : बुनियादी ढांचे में सुधार के बाद विस्तारित मोतीहारी-अमलेखगंज पाइपलाइन के ज़रिए भारत से पेट्रोलियम उत्पादों के आयात का ट्रायल शनिवार से शुरू हो गया है। इस पाइपलाइन से पहले नेपाल को सिर्फ़ डीज़ल की आपूर्ति होती थी, लेकिन शनिवार को भारत से केरोसिन और पेट्रोल के आयात का ट्रायल शुरू हो गया। अमलेखगंज में नेपाल ऑयल कॉरपोरेशन (एनओसी) के मधेश प्रांतीय कार्यालय के प्रमुख प्रलयंकर आचार्य ने ट्रायल की प्रगति की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि, परीक्षण के उद्देश्य से पाइपलाइन के ज़रिए 5,500 किलोलीटर पेट्रोल और 1,000 किलोलीटर केरोसिन आयात किया गया है।
आचार्य ने एएनआई को फ़ोन पर बताया, पेट्रोलियम उत्पादों का नियमित आयात शुरू में जनवरी 2025 में शुरू होने वाला था, लेकिन अंतिम तैयारियों के चलते इसमें थोड़ी देरी की आशंका है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा शुरू की गई इस विस्तार परियोजना ने अमलेखगंज में डिपो के बुनियादी ढांचे को काफ़ी उन्नत किया है। संवर्द्धन में बड़े भंडारण टैंक, स्वचालित लोडिंग सुविधाएं, एक पंप हाउस और एक समर्पित प्रयोगशाला का निर्माण शामिल है। सुरक्षा और परिचालन दक्षता में सुधार के लिए एक नई अग्निशमन प्रणाली और तेल और पानी को अलग करने के लिए तंत्र भी स्थापित किए गए हैं।
हालांकि, काम के लिए अनुबंध 2023 में पूरा होने वाला था, लेकिन देरी के कारण परियोजना को इस महीने अंतिम रूप दिया गया। 2019 में शुरू की गई पाइपलाइन परियोजना ने अपने पहले चरण में डीजल आयात को सक्षम किया। अब दूसरे चरण के पूरा होने के साथ, पाइपलाइन पेट्रोल और केरोसिन का परिवहन भी कर सकती है। अब तक, अमलेखगंज डिपो में सीमित भंडारण क्षमता के कारण इन उत्पादों के आयात के लिए टैंकरों का उपयोग करना आवश्यक था। आचार्य ने कहा कि, उन्नत सुविधाओं से पाइपलाइन के माध्यम से पेट्रोल, डीजल और केरोसिन का नियमित आयात संभव हो सकेगा।
उन्होंने कहा, यह परिवहन के दौरान तकनीकी नुकसान को समाप्त करता है, टैंकर आयात की तुलना में लागत को कम करता है और वाहनों से होने वाले उत्सर्जन से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करता है। आचार्य ने कहा, पूरी तरह चालू हो जाने पर डिपो की भंडारण क्षमता 24,840 किलोलीटर डीजल और 16,630 किलोलीटर पेट्रोल होगी, जिससे नेपाल में पेट्रोलियम उत्पादों के लिए अधिक स्थिर और कुशल आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित होगी।
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