कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद सुखेंदु शेखर रे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जूट क्षेत्र में व्याप्त संकट में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है, जिससे लाखों किसान, मिल कर्मचारी और अन्य हितधारक प्रभावित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में रे ने कच्चे जूट की गिरती कीमतों पर प्रकाश डाला, जो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे गिर गई हैं, जिससे किसानों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने दावा किया कि, बी ट्विल बैग (एक प्रकार की बोरी) की अपर्याप्त सरकारी खरीद, चीनी उद्योग द्वारा अनिवार्य जूट पैकेजिंग मानदंडों का पालन न करना और कपड़ा मंत्रालय की उदासीनता इस क्षेत्र में संकट के कारण हैं। रे ने मोदी से जूट क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों को बचाने के लिए उन मुद्दों में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। देश में अनुमानित 4 करोड़ किसान और 3.5 लाख जूट मिल कर्मचारी, जिनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल में हैं, इस उद्योग पर निर्भर हैं।
उन्होंने कहा, बाजार को स्थिर करने, आजीविका को सुरक्षित करने और जूट मिलों की परिचालन क्षमता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। पत्र में रे ने चेतावनी दी कि, हजारों जूट मिल श्रमिकों और किसानों का कल्याण, साथ ही जूट उद्योग की अखंडता और स्थिरता, पीएम की त्वरित कार्रवाई पर निर्भर करती है। भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन (IJMA) ने भी मंगलवार को नई दिल्ली में 32वीं स्थायी सलाहकार समिति (SAC) की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला है।
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