त्रिवेणी इंजीनियरिंग उत्तर प्रदेश से अनाज आधारित एथेनॉल के शीर्ष आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा

नई दिल्ली / लखनऊ: केंद्र सरकार द्वारा खरीद की गारंटी के साथ एथेनॉल को बढ़ावा देने से प्रोत्साहित होकर उत्तर प्रदेश की कई चीनी मिलों ने एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है। हालांकि, राज्य की अग्रणी चीनी उत्पादक, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज, ने अनाज आधारित एथेनॉल में विविधता ला दी है और अब उत्तर प्रदेश से शीर्ष आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरी है।

द हिन्दू बिजनेसलाइन में प्रकाशित खबर के मुताबिक, त्रिवेणी के मिलक नारायणपुर प्लांट के एक अधिकारी ने कहा, हमने जुलाई 2022 से 3.5 करोड़ लीटर से अधिक एथेनॉल का उत्पादन किया है, जब हमने अनाज को फीड के रूप में उपयोग करना शुरू कर दिया था। बी-हैवी मोलासेस और गन्ने के रस से उत्पादित एथेनॉल को जोड़ने पर, अप्रैल 2022 से कुल मात्रा 5 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि, कंपनी का कुल एथेनॉल उत्पादन काफी अधिक है।

मिलक नारायणपुर में अपने मौजूदा चीनी मिल में अप्रैल 2022 में 200 किलो लीटर प्रति दिन (केएलपीडी) दोहरे फ़ीड एथेनॉल प्लांट को चालू करने के बाद, कंपनी को अगले दो-तीन महीनों में अन्य इकाइयों में भी उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। त्रिवेणी इंजीनियरिंग ने चालू वित्त वर्ष में क्षमता बढ़ाकर 1,110 केएलपीडी करने का लक्ष्य रखा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष के दौरान त्रिवेणी का कुल अनाज आधारित एथेनॉल उत्पादन 4.5 करोड़ लीटर से अधिक था, जिसमें से लगभग 3.7 करोड़ लीटर मिलक नारायणपुर प्लांट में और शेष 0.8 करोड़ लीटर मुज़फ़्फ़रनगर प्लांट में उत्पादित किया गया है।

अधिकारी ने कहा कि, दोहरी फ़ीड प्रणाली का परीक्षण करने के लिए इकाई को अप्रैल में बी-हैवी मोलासेस के साथ शुरू किया गया था जो कुछ दिनों तक जारी रहा। फिर 26 अप्रैल, 2022 से मोलासेस में वापस लौटने से पहले कुछ और दिनों के लिए इसे सिरप (सीधे गन्ने के रस) से आजमाया गया और यह जुलाई 2022 तक जारी रहा। जुलाई में अनाज के फ़ीड का परीक्षण किया गया और चावल का उपयोग किया गया। उन्होंने कहा, जिसके बाद मोलासेस पर वापस जाने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि चावल बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। वर्तमान सीज़न की पेराई अवधि के दौरान भी प्लांट फीडस्टॉक के रूप में चावल पर ही टिका रहा। उन्होंने कहा, हमने एथेनॉल के लिए अधिशेष मोलासेस को अपनी सहयोगी इकाइयों में भेज दिया।

 

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