नई दिल्ली: पिछले 18 महीनों में अपनी एथेनॉल निर्माण क्षमता को दोगुना से अधिक करने के बाद, त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज अब अपनी चीनी और अपने ट्रांसमिशन व्यवसाय का विस्तार करने के लिए 210 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है।
द इकनोमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, त्रिवेणी इंजीनियरिंग के प्रबंध निदेशक तरुण साहनी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के खतौली, देवबंद और सबितगढ़ में कंपनी की तीन चीनी इकाइयों के आधुनिकीकरण में 130 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह कंपनी को फार्मा चीनी के लिए अपनी क्षमता को दोगुना करने में मदद करेगा, जो रिफाइंड चीनी पर एक महत्वपूर्ण प्रीमियम प्राप्त करती है। इस निवेश से कंपनी को अपने कुल उत्पादन में रिफाइंड चीनी की हिस्सेदारी 40% से बढ़ाकर 60% करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि, कंपनी बिजली ट्रांसमिशन व्यवसाय में आधुनिकीकरण, विस्तार और मशीनरी की खरीद के लिए 80 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। कंपनी ने वित्त वर्ष 22 में, बिजली ट्रांसमिशन व्यवसाय ने अपना अब तक का उच्चतम वार्षिक राजस्व दर्ज किया और लाभप्रदता में 57% की वृद्धि हुई और नया निवेश इस गति को जारी रखने में मदद करेगा। 31 मार्च तक इस कारोबार का 221 करोड़ रुपये का ऑर्डर बुक बकाया है।
त्रिवेणी ने इस महीने की शुरुआत में लगभग 350 करोड़ रुपये के निवेश से अपनी एथेनॉल उत्पादन क्षमता 320 किलो लीटर प्रति दिन (KLPD) से बढ़ाकर 520 KLPD कर दी। दो मौजूदा विस्तार परियोजनाओं के पूरा होने के साथ, कंपनी की योजना अगले महीने तक इसे 660 KLPD तक ले जाने की है। एथेनॉल विनिर्माताओं ने पेट्रोल के साथ एथेनॉल सम्मिश्रण बढ़ाने के सरकार के प्रयास से प्रोत्साहित होकर अपनी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने में भारी निवेश किया है।