बेंगलुरु : ट्रूअल्ट बायोएनर्जी (TruAlt Bioenergy) के संस्थापक और एमडी विजय निरानी ने टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव के 10वें संस्करण में कहा कि, भारत में जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े संधारणीय विमानन ईंधन (SAF) प्लांट्स में से एक होगा। निरानी ने बताया कि, एयरलाइन उद्योग के उत्सर्जन का लगभग 65% ईंधन की खपत से आता है। चूंकि विमानों में बैटरी लगाना या ग्रीन हाइड्रोजन का उपयोग करना असंभव है, इसलिए जैव ईंधन जैसे वैकल्पिक ईंधन ही हमारे आसमान को साफ करने का एकमात्र तरीका है।
भारत में ट्रूअल्ट का संधारणीय विमानन ईंधन (SAF) प्लांट विमानन जैव ईंधन का उत्पादन करने के लिए कृषि और अन्य बायोमास कचरे का उपयोग करेगा। निरानी ने कहा कि, भारत में ये संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, फिर भी वर्तमान में, हम अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए जिस गैस का उपभोग करते हैं उसका 70-80% आयात किया जाता है। भारत में एक संधारणीय विमानन ईंधन प्लांट स्थापित करने के अलावा, ट्रूअल्ट जल्द ही देश में 17-18 संपीड़ित बायोगैस प्लांट भी शुरू करेगा।
निरानी ने भारत सरकार को उसकी राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि, यह नीति ट्रूअल्ट जैसी कंपनियों को भारत के जैव ईंधन उत्पादन संसाधनों की असीमित संपदा का दोहन करने और अपने किसानों के लिए एक स्थायी जीवनशैली बनाने की अनुमति देती है।