युगांडा चीनी उद्योग के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। खबरों के मुताबिक, युगांडा चीनी अधिशेष से जूझ रहा है क्यूंकि पड़ोसी देश तंजानिया, रवांडा और दक्षिण सूडान को किये जाने वाला चीनी निर्यात बाधित हो गया है।
निर्यात में बाधा आने के कारण चीनी अधिशेष पर और जोर पड़ेगा।
कंपाला स्थित युगांडा शुगर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष जिम कबाहो ने कहा कि सीमित निर्यात की वजह से चीनी मिलों में बहुत अधिक स्टॉक रखा हुआ हैं।
कबाहो ने कहा की टैरिफ के कारण तंजानिया में शिपमेंट पर अंकुश लगा, वही दूसरी ओर फरवरी में मुख्य एंट्री पॉइंट बंद होने से रवांडा में चीनी निर्यात रोक दिया गया। दक्षिण सूडान में निर्यात, जो की पहले सबसे बड़ा आयातक था, कनफ्लिक्ट के कारण कट गया। जिससे केन्या और डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो प्रमुख निर्यात स्थल बन चुके है।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.