नई दिल्ली : केंद्र सरकार एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है और उत्पादन बढ़ाने के लिए अनाज आधारित संयंत्रों सहित चीनी मिलों को सहायता भी प्रदान कर रही है।राज्यसभा में एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री, निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया ने कहा, केंद्र सरकार ने 2018 से 2022 तक अधिसूचित विभिन्न एथेनॉल ब्याज छूट योजनाओं के तहत चीनी मिलों के साथ एथेनॉल संयंत्रों की स्थापना के लिए ब्याज छूट के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की है। विभिन्न एथेनॉल ब्याज छूट योजनाओं के तहत, पात्र चीनी मिलों/अनाज आधारित संयंत्रों (28.02.2025 तक) को ब्याज छूट के भुगतान के लिए नाबार्ड को 1,535 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा, चीनी मिलों द्वारा एथेनॉल के उत्पादन ने राजस्व का एक अतिरिक्त स्रोत बनाया है, जिससे चीनी उद्योग की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। साथ ही, गन्ना किसानों को गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के माध्यम से पर्याप्त रूप से पुरस्कृत किया जा रहा है। एफआरपी चीनी की मूल रिकवरी दर से जुड़ा हुआ है, जिसमें गन्ने से चीनी की अधिक रिकवरी के लिए किसानों को प्रीमियम देय है।वर्ष 2024 में कुशीनगर में बीमार चीनी मिलों के समक्ष आने वाली चुनौतियों, जैसे कि आवश्यकता से अधिक स्टाफ, पेशेवर प्रबंधन की कमी तथा उच्च कार्यशील पूंजी लागत के समाधान के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, कुशीनगर जिले में वर्ष 2023-24 में गन्ना शोध केंद्र के माध्यम से 1,000 गन्ना किसानों को आधुनिक गन्ना खेती का प्रशिक्षण दिया गया। गन्ना किसानों को नवीन गन्ना प्रजातियों के लिए अनुसंधान केंद्र से 4,675 क्विंटल उन्नत बीज, आधार नर्सरी से 9,802 क्विंटल आधार बीज तथा प्राथमिक नर्सरी से 54,070 कुंतल प्राथमिक/प्रमाणित बीज वितरित किए गए। उपरोक्त के अतिरिक्त, 4,834 गन्ना किसानों को बीज/मृदा उपचार तथा पेड़ी प्रबंधन के लिए कृषि इनपुट के रूप में कृषि रसायन उपलब्ध कराए गए हैं।