पुणे: केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने चीनी उद्योग से अपील की है कि, वह नए कृषि कानूनों के बारे में चीनी उद्योग से जुड़े 5.25 करोड़ लोगों को शिक्षित करे कि नए कानून किसानों के लिए नए अवसर कैसे खोल रहें है। मंत्री गोयल ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) को बढ़ाने से इनकार किया, साथ ही उन्होंने कहा कि गन्ने का उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) कम नहीं किया जा सकता है और चीनी उद्योग को इसे वास्तविकता के रूप में स्वीकार करना होगा। गोयल इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) की 86 वीं वार्षिक आम बैठक में बोल रहे थे।
गोयल ने चीनी मिलों को किसानों के गन्ने का बकाया चुकाने को कहा। मंत्री गोयल ने कहा कि, सबसे बड़े गन्ना उत्पादक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बकाया भुगतान को लेकर चीनी मिलों के रवैये पर नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने मिलों से सरकारी सब्सिडी पर अपनी निर्भरता कम करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, अगर आप सरकारी सब्सिडी पर निर्भर रहने वाले हैं, तो हम उस सब्सिडी को चीनी उत्पादन को कम करने के लिए वैकल्पिक उत्पादन के समर्थन के लिए देते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया की, हम एफआरपी को कम नहीं कर सकते, क्योंकि यह अब एक संस्थागत तंत्र है जो कई वर्षों से चल रहा है। इसलिए हम इतने बड़े पैमाने पर इथेनॉल को बढ़ावा दे रहे हैं, क्योंकि हम मानते हैं कि अब एफआरपी को कम करना आसान नहीं हैं। मंत्री गोयल ने कहा की, हमें वैकल्पिक तरीकों को देखना होगा। इथेनॉल सम्मिश्रण केवल 10% नही बल्कि 20% या 30% हो सकता है। मेरा सुझाव है कि, आप परिवहन क्षेत्र के साथ मिलकर काम करें और देखें कि हम आपके उद्योग के लिए मूल्यवर्धन के लिए वैकल्पिक तरीके कैसे विकसित कर सकते हैं।