नई दिल्ली :केंद्र सरकार ने गन्ना उत्पादकों को राहत देने के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य ( MSP ) में 2 रुपये प्रति किलोग्राम की वृद्धि करने की सिफारिश केंद्रीय मंत्री मंडल ने खाद्य मंत्रालयको की है, और अब 31 रुपये प्रति किलो बिकने वाली चीनी की जल्दही 33 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक्री होगी। परिणामस्वरूप, सरकार के इस फैसले से चीनी उद्योग को अतिरिक्त 20,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। जिससे मिलों द्वारा गन्ना बकाया भुगतान जल्द से जल्द होने की उम्मीद जताई जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व वाले मंत्रियों के समूह द्वारा बुधवार को चीनी के MSP में 2 रुपये की वृद्धि करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इसलिए, चीनी मिलों को लगभग 20,000 करोड़ रुपये के गन्ना बकाया का भुगतान करना कुछ हदतक आसान हो सकता है। बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, खाद्य मंत्री रामविलास पासवान, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भाग लिया।
चालू वित्त वर्ष 2012-20 (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी मिलों का अब तक 20,000 करोड़ रुपये बकाया है। बैठक में बकाया राशि के निपटान के तरीकों पर चर्चा हुई। इस समय प्रस्तावों में से एक चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP ) को बढ़ाना था। निति आयोग ने खाद्य मंत्रालय को चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि का प्रस्ताव दिया था। चीनी की कीमतों में वृद्धि के कारण मिलों को किसानों का बकाया कम करने में मदद करेगा। सूत्रों ने कहा कि, अगर फिर भी बकाया रहेगा तो केंद्र सरकार अन्य विकल्पों पर विचार करेगी।
गन्ना और चीनी उद्योग पर नीति आयोग द्वारा गठित टास्क फोर्स ने चीनी MSP में चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ाने के लिए दो बार सिफारिश की थी। पिछले साल, सरकार ने कीमत 2 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चीनी मिलों ने लगभग 72,000 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है। 2019-20 सीजन के लिए किसान 20,000 करोड़ रुपये के बकाया हैं। चीनी बाजार को अब आधिकारिक रूप से घोषणा का इंतज़ार है.
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.