नई दिल्ली : 64वीं अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (ISO) परिषद बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और गन्ना क्षेत्र में उन्नत तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। जोशी ने उच्च उपज देने वाली, रोग प्रतिरोधी गन्ने की किस्मों को विकसित करने और कमोडिटी के लिए अभिनव उपयोगों की खोज करने के महत्व को रेखांकित किया।
वैश्विक चीनी बाजार में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, जोशी ने कहा कि इस वर्ष देश का चीनी उत्पादन आशाजनक रहने की उम्मीद है, जो काफी हद तक अनुकूल वर्षा पर निर्भर है। उन्होंने गन्ना खेती उद्योग में 10 मिलियन से अधिक किसानों और उनके आश्रितों के आवश्यक योगदान की ओर भी इशारा किया।
सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि, जलवायु परिवर्तन चीनी और एथेनॉल उद्योगों के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी पेश करता है। उन्होंने सूखा प्रतिरोधी गन्ने की किस्मों के विकास, जल संरक्षण उपायों और शुद्ध-शून्य उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए जैव ईंधन की ओर बदलाव का आह्वान किया। चोपड़ा ने पूंजी-गहन चीनी और इथेनॉल क्षेत्रों का समर्थन करने के लिए हरित वित्तपोषण की भी वकालत की।