चंडीगढ़: विभिन्न किसान संघों का एक छत्र निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सहित अपनी लंबित मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ 26 नवंबर से तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि, किसान अपनी लंबित मांगों को स्वीकार न किए जाने के खिलाफ आंदोलन करेंगे। साल भर के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, कृषि कानूनों को निरस्त करना, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवार के एक सदस्य को मुआवजा और नौकरी, किसानों के लिए कर्ज माफी और पेंशन आदि मांगों के लिए आंदोलन किया जायेगा।
बीकेयू (लाखोवाल) के महासचिव हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि, आंदोलन में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान प्रस्तावित विरोध स्थलों पर पहुंचेंगे।लाखोवाल ने गन्ने की कीमतों और गन्ने के पेराई सत्र की शुरुआत नहीं करने के लिए आप सरकार की आलोचना की।उन्होंने कहा, हम मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार को गन्ने के लिए 450 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा करनी चाहिए। पराली जलाने के मुद्दे पर किसान नेताओं ने मांग की कि सरकार पराली जलाने के आरोप में किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ले। किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मामले तुरंत वापस लिए जाने चाहिए। किसानों पर लगाए गए जुर्माने और राजस्व रिकॉर्ड में लाल प्रविष्टियों को भी वापस लिया जाना चाहिए।लाखोवाल ने कहा कि, कई किसानों को जुलाई और अगस्त में बाढ़ से हुई फसल क्षति का पूरा मुआवजा नहीं मिला है।