लखनऊ : राज्य कैबिनेट ने बायो प्लास्टिक नीति को मंजूरी दी है, जो बायोडिग्रेडेबल और कंपोस्टेबल प्लास्टिक के निर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को आकर्षक सब्सिडी प्रदान करेगी। ऐसी कंपनियां जो 1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का निवेश करती है। उन्हें सात साल के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी और 10 साल के लिए राज्य जीएसटी की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति मिलेगी। इसके अलावा, बिजली आपूर्ति पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभों की कुल राशि 10 वर्षों में किए गए निवेश के दो प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। इस तरह के निवेश से, एक इकाई 2,000 से अधिक नौकरियां प्रदान करेगी।
यूपी कैबिनेट ने कहा कि, ये सेवाएं अगले पांच वर्षों में राज्य की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उद्योग का दर्जा दिए जाने का मतलब है कि ऐसी सेवाएं अब औद्योगिक उपयोग के लिए निर्धारित कीमतों पर भूमि प्राप्त करने के लिए पात्र होंगी। जिन इकाइयों में न्यूनतम 150 किलोवाट बिजली का उपयोग होता है, उन्हें भी औद्योगिक दरों पर बिजली मिलेगी। इससे केवल बिजली पर ही 18 प्रतिशत की बचत होगी। कैबिनेट द्वारा स्वीकृत तीसरी महत्वपूर्ण नीति पहल ‘उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति’ है। इससे उच्च शिक्षा में निजी निवेश, यहां तक कि विदेशी स्रोतों से भी, आसान हो जाएगा।