लखनऊ : बुंदेलखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में बड़े पैमाने पर टिड्डियों के हमले के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को टिड्डियों के हमलों के प्रति सचेत रहने का निर्देश दिया। लखनऊ में अपने आधिकारिक निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा कि, टिड्डियों द्वारा फसल के नुकसान को रोकने के लिए तेजी से उपाय किया जाए और साथ ही साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए की लोग इससे घबराये नहीं। बुंदेलखंड क्षेत्र सहित झांसी, ललितपुर, आगरा, मथुरा, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हमीरपुर, महोबा, बांदा, जालौन, चित्रकूट, इटावा और कानपुर देहात आदि कुल 15 जिलों में टिड्डियों के हमले का खतरा है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने टिड्डियों के हमले को रोकने के लिए जिलाधिकारियों और संबंधित कृषि विभाग के अधिकारियों को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
राजस्थान और मध्य प्रदेश के पड़ोसी क्षेत्रों से टिड्डियों ने राज्य में प्रवेश किया है, लेकिन अभी तक यूपी में कृषि फसलों को अबतक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। आमतौर पर, टिड्डियां लाखों के झुंड में हमला करती हैं, सभी पौधों की हरी पत्तियां सफाचट करती हैं। वे सर्दियों में, नवंबर से दिसंबर तक, वसंत में, जनवरी से जून तक और गर्मियों में, जुलाई से अक्टूबर तक ज्यादा विकसित होते हैं। चूंकि, कम पानी, सूखे और गर्मियों की स्थिति में टिड्डियों की गतिविधि बढ़ जाती है, इसलिए गर्मी के मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
इस बीच, टिड्डियों के खतरे को रोकने के लिए प्रभावित जिलों में उठाए जा रहे कदमों का समन्वय करने के लिए राज्य स्तर पर एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। नियंत्रण कक्ष, अपने क्षेत्र के कर्मियों की मदद से, इन सीमा क्षेत्रों में टिड्डियों की आवाजाही पर नज़र रखेगा और टिड्डियों के हमलों को विफल करने के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को समय पर सलाह जारी करेगा।इसके अलावा, एक नोडल अधिकारी, एक कार्यबल और एक नियंत्रण कक्ष को संबंधित जिला स्तरों पर स्थापित किया गया है।
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