लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने डिफॉल्टर चीनी मिलों को चेताया और कहा कि गन्ने के बकाये का भुगतान न करने वाली मिलों को नीलाम किया जा सकता है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बस्ती जिले के मुंडेरवा में राज्य संचालित चीनी इकाई का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए बकाया के मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में 76,000 करोड़ रुपये के गन्ना भुगतान की सुविधा प्रदान की है। उत्तर प्रदेश में पिछले सीजन का गन्ना बकाया चुकाए बिना डिफॉल्टर चीनी मिलों ने नया गन्ना पेराई सीजन शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के उदासीन रवैये के कारण किसानों के 5-10 साल के गन्ना बकाये अभी भी चुकाये नहीं गये हैं। हम किसानों को पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करते हैं, भले ही हमारी सरकार को चीनी मिलों की नीलामी ही क्यों न करना पड़े। आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों ने 29 चीनी मिलों को बंद कर दिया। हमारी सरकार राज्य के किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हित में इन बंद पड़ी मिलों को पुनर्जीवित करने का रोडमैप तैयार कर रही है।
इससे पहले, सरकार ने यूपी स्टेट शुगर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPSSCL) से जुड़ीं मुंडेरवा और पिपराइच चीनी मिलों के पुनरुद्धार के लिए 1,100 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। ये दोनों मिलें अब चल रही हैं और यहां नई टेक्नोलोजी लगाई जाएगी ताकि यहां सल्फर लेस चीनी का उत्पादन किया जा सके।
गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की नई पहल
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