लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों के दौरान गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के कल्याण और समग्र उत्थान के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। राज्य में गन्ना उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के प्रयासों के तहत सरकार चीनी मिलों की क्षमता का विस्तार करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। इस संबंध में गन्ना विभाग ने 13 चीनी मिलों का विस्तार शुरू कर दिया है। एक बार विस्तार पूरा होने के बाद, उत्तर प्रदेश में 5 लाख से अधिक गन्ना किसानों को लाभ होने की संभावना है। साथ ही मिलों की गन्ना पेराई क्षमता भी बढ़ेगी। गन्ना विभाग ने इन चीनी मिलों के विस्तार की ऑन-साइट निगरानी के लिए एक समिति भी गठित की है। गन्ना विभाग के अनुसार, 13 चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने के बाद गन्ना पेराई क्षमता में 1,67,500 क्विंटल की वृद्धि होने की संभावना है। इससे करीब 5,01,876 गन्ना किसानों को सीधा फायदा होगा।
गन्ना उत्पादकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चालू पेराई सत्र में 120 चीनी मिलों का संचालन किया जाना है। मौजूदा चीनी उद्योग की स्थिति में सुधार के लिए राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में लगभग 27.75 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। प्रदेश की कुल गन्ना पेराई क्षमता को बढ़ाने के लिए मुंडेरवा चीनी मिल सहित 13 चीनी मिलों के पेराई संचालन का विस्तार करने का कार्य शुरू किया गया है।
Uniindia.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, चीनी मिलों की पेराई क्षमता में वृद्धि से गन्ना उत्पादकों की आय में वृद्धि होगी। इसे देखते हुए मिलों में मरम्मत और पुनर्निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। जानकारों के मुताबिक 25 अक्टूबर के बाद मिलों के चालू होने की उम्मीद है।
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