नई दिल्ली : चीनी मंडी
उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के आंदोलन के चलते नई दिल्ली की राजनीती गरमा गई थी। सहारनपुर से दिल्ली आते आते किसानों का यह आंदोलन तूल पकड़ रहा था, जिसकी वजह से सरकार के फैसले पर सबकी नजरें टिकी थी। पैदल मार्च कर आए भारतीय किसान संगठन की 15 में से 5 मांगें केंद्र सरकार ने मान ली हैं, जिसके बाद किसानों ने शनिवार को अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया। माने हुए प्रमुख मांगो में से जल्द से जल्द गन्ना भुगतान करना और फसलों के न्यूनतम मूल्य तय करने के लिए समिति में किसानों के प्रतिनिधि की नियुक्ति करना है। किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी बातें रखीं था।
गन्ना किसानों की थीं ये प्रमुख मांगें:
- फसलों के दाम किसान प्रतिनिधियों की मौजूदगी में तय किए जाएं, किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान ब्याज समेत जल्द किया जाए।
- किसान के साथ-साथ परिवार को दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिले, खेती कर रहे किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने पर शहीद का दर्जा दिया जाए।
- किसान व मजदूरों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य मुफ्त।
- भारत के सभी किसानों के कर्जे पूरी तरह माफ हों।
- किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त मिले।
- भारत में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू हो।
- पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट और एम्स की स्थापना हो।
- किसान-मजदूरों को 60 वर्ष की आयु के बाद 5,000 रुपये महीना पेंशन मिले।
- समस्त दूषित नदियों को प्रदूषण मुक्त कराया जाए।
- आवारा गोवंश पर प्रति गोवंश गोपालक को 300 रुपये प्रतिदिन मिलें।
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Eigh
Very good work
Swami Nathan Lagu Kiya jaye
In choti maango se kuch ni hogaaa kisan mare jaa raha hh r tum ye choti choti bate man rahe hoo
Kisano ko ek sthaye Rogar Milna chaye