मुज्जफरनगर, 21 सितंबर, 2019। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चीनी मिल मालिकों को गन्ना किसानों के सारा बकाया 31 अक्टूबर, 2019 तक भुगतान करने को कहा है। राज्य के कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि इसका पालन न करने वाले चीनी मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गन्ना विकास और गन्ना मिलों के मंत्री राणा ने शुक्रवार को शामली में एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पेराई सत्र शुरू होने से पहले गन्ना उत्पादकों के बकाये अक्टूबर अंत तक कर दिये जाना चाहिए। इसका पालन न करने वाले मिलों को रिकवरी के नोटिस जारी किये जाएंगे और किसानों के भुगतान चीनी मिल मालिकों के गोदामों की चीनी बेचकर किये जाएंगे।
बुधवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दो किसानों की याचिका पर गन्ना किसानों के बकाया चुकाने का निर्देश दिया था। इस याचिका में किसानों ने कहा है कि उन्होंने बैंकों से ऋण लेकर गन्ने की फसल उगाई थी, लेकिन आज वे इसे चुकाने में असमर्थ हैं क्योंकि उनके बकाये का भुगतान अभी तक चीनी मिलों से नहीं हुआ है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसानों ने शुक्रवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय के साथ वार्ता विफल होने के बाद आज दिल्ली जाने का फैसला किया है। उन्होंने 11 सितंबर को अपनी 15 मांगों के साथ अपना मार्च शुरू किया, जिसमें दो सप्ताह के भीतर गन्ने की बिक्री से बकाये के भुगतान की मांग भी शामिल है।
श्री राणा ने कहा कि सहारनपुर जिले की कुल 17 में से दो चीनी मिलें तिकोला और मंसूरपुर ने अपने बकाये को चुका दिया है, जबकि तीन अन्य – सरसावा, देवबंद और नानोटा के मिलों ने बकाये का केवल 90 प्रतिशत ही भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को पूर्ण भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है। मुजफ्फरनगर के गन्ना अधिकारी आरडी दिवेदी ने कहा कि जिले की दो मिलों ने किसानों का सारा भुगतान कर दिया है, जबकि छह दूसरी मिलें हैं जिन्होंने किसानों के 318.13 करोड़ रुपये की बकाया राशि को अभी तक नहीं चुकाया है।
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