लखनऊ: उत्तर प्रदेश गन्ना विकास विभाग 2021-22 के दौरान 30,000 हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई संयंत्र स्थापित करने की योजना बनाई है। इस तकनीक की मदद से किसान गन्ने की खेती में सिंचाई के लिए आवश्यक पानी की मात्रा को कम कर सकेंगे, जिससे राज्य भर के 2500 से अधिक किसानों को मदद मिलेगी। गन्ना विभाग के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है की, ड्रिप सिंचाई तकनीक गन्ना विकास विभाग का एक ऐसा प्रयास है, जो लंबे समय में किसानों को पानी बचाने की तकनीक से समृद्ध बनाएगा। गन्ना विभाग के अनुसार ड्रिप सिंचाई योजना के लिए प्रदेश के 2,566 किसानों का चयन किया गया है, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा। ड्रिप सिंचाई से सिंचाई के पानी के उपयोग में 50 से 60 प्रतिशत पानी की बचत होगी।
इंडिया टुडे में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कहा ने कहा, इस तकनीक से भूजल के दोहन में काफी कमी आएगी। पेराई सत्र 2021-22 में 30 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्र में ड्रिप सिंचाई संयंत्र लगाने की योजना है। इसके बाद योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा। गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) कार्ड धारकों, अनुसूचित जाति और आदिवासी किसानों सहित छोटे गन्ना किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे। उन्होंने आगे कहा की, जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से किसानों की आय में वृद्धि होगी। सरकार इस योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने की योजना बना रही है। इसके पीछे विचार यह है कि किसानों को तकनीक से जोड़ा जाए ताकि उनकी उपज और बदले में उनकी आय बढ़े।
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