लखनऊ : चीनी मंडी
योगी सरकार गन्ना बकाया भुगतान को लेकर मिलों पर दबाव बनाने वाली है। 2019-20 गन्ना पेराई सत्र शुरू है, और अभी भी किसानों का उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों पर 2018-19 पेराई सत्र का 2,000 करोड़ रुपये बकाया राशि लंबित है। जिसमे निजी मिलर्स का बकाया का 85 प्रतिशत है, बजाज हिंदुस्तान, मोदी और सिम्भावली समूह जैसे बड़े खिलाड़ियों द्वारा संचालित इकाइयों द्वारा भी राशि बकाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी की मिलों ने सामूहिक रूप से 2018-19 पेराई सत्र के लिए कुल बकाया 33,048 कुल बकाया राशि में से 31,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, निजी मिलों का 2,000 करोड़ रुपये के कुल बकाया में लगभग 1,700 करोड़ रुपये का बकाया है, और सरकार द्वारा नियंत्रित सहकारी इकाइयों का लगभग 300 करोड़ रुपये बकाया है। यूपी के गन्ना विकास और चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि, यूपी की मिलों ने 2018-19 पेराई सत्र का पहले ही 94 प्रतिशत गन्ना भुगतान कर लिया है। उन्होंने कहा की, हम बकाया भुगतान में विफ़ल मिलों के प्रबंधन, विशेष रूप से बजाज हिंदुस्तान, मोदी और सिम्भावली समूहों के साथ एक बैठक बुलाएंगे और उनसे गन्ने का बकाया जल्द से जल्द चुकाने के लिए कहेंगे।
पिछले साल, योगी आदित्यनाथ सरकार ने कई डिफ़ॉल्ट मिलों के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज किए थे, जिनमें बजाज हिंदुस्तान, मोदी और वेव ग्रुप के मालिक थे।इसके अलावा, कुछ अन्य लोगों के खिलाफ वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) भी जारी किए गए थे।
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