लखनऊ: किसानों के लिए जागरूकता अभियान चलाकर उत्तर प्रदेश अपने गन्ने के खेतों पर संभावित टिड्डी हमले के खिलाफ खुद की रखवाली कर रहा है। उत्तर प्रदेश के किसानों के गन्ने के खेतों में टिड्डियों के हमले से निपटने के लिए राज्य सरकार जागरूकता अभियान चला रही है। सरकार किसानों को इस हमले से खुद रक्षा करना सीखा रही है।
राज्य के गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने वर्तमान स्थिति का सतत जायजा लेने और निगरानी करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि टिड्डियों के हमले के संकेत मिलने पर उन्हें उचित कीटनाशक तुरंत स्प्रे करें। उन्होंने एक बयान में कहा कि टिड्डियों के हमले की रोकथाम के लिए तत्काल उपाय सुनिश्चित करने के लिए गन्ना किसानों को भारत सरकार के संबंधित संस्थानों को सूचित करना चाहिए और गन्ना विकास विभाग को तुरंत सूचित करना चाहिए।
टिड्डे बहुत ही खतरनाक होते हैं और वे बड़ी संख्या में हमला करते हैं और किसी भी प्रकार के वनस्पति पौधे की हरी पत्तियों को जल्दी और बहुत अधिक मात्रा में खाते हैं। वे कम वर्षा, सूखे और गर्मियों में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। हालांकि वे सर्दियों, वसंत और गर्मियों में प्रजनन करते हैं और बढ़ते हैं। उनका मौसमी प्रवासन तापमान, हवा और वनस्पति से प्रभावित होता है। अक्सर गुजरात और राजस्थान से निकलने वाले टिड्डे के प्रकोप को यूपी के सीमावर्ती इलाकों में देखा गया है। इसलिए राज्य मौजूदा स्थिति को लेकर काफी सतर्क है।
राज्य के निवारक उपायों में सरकार दैनिक समाचार पत्रों में कीट की रोकथाम के उपायों के प्रकाशन के अलावा किसानों को पर्चे और हैंडबिल का वितरण करती है। सभी किसानों को जानकारी देने के लिए सभी कार्यालयों और गोदामों की दीवारों पर कीट की रोकथाम के उपाय भी लिखे जाते हैं। नियमित रूप से निगरानी रखने के लिए और गांवों का दौरा करने के लिए क्षेत्र के आधार पर क्षेत्रीय और जिला अधिकारियों को लक्ष्य आवंटित किए गए हैं ताकि किसानों को जागरूक किया जा सके और उक्त कीट के संभावित हमले को विफल करने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती जा सके।
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