लखनऊ : उत्तर प्रदेश चीनी उद्योग, कमजोर चीनी-इथेनॉल बिक्री और ठप निर्यात की वजह से तरलता की कमी से जूझ रहा है। अब चीनी मिलों ने उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) को अपनी बिजली को-जनरेशन परियोजनाओं का लगभग 1,500 करोड़ बकाया भुगतान करने की मांग की है, ताकि चीनी मिलें किसानों को उनका बकाया दे सकें। (UPPCL के अध्यक्ष अरविंद कुमार को लिखे पत्र में, उत्तर प्रदेश चीनी मिलर्स एसोसिएशन (UPSMA) के महासचिव दीपक गुप्तारा ने पिछले 15 महीनों से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (UPPCL) के लंबित बकाया भुगतान के लिए सहयोग प्रदान करने की मांग की है।
पावर डिस्कॉम के लिए 90,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा से उत्साहित उत्तर प्रदेश का चीनी उद्योग उम्मीद कर रहा है कि, उसके 1,500 करोड़ रुपये के को-जेनरेशन बकाया जल्द ही भुगतान हो जायेगा। पत्र में UPSMA के गुप्तारा ने कहा कि, गन्ना किसानों को उनकी गन्ना आपूर्ति का भुगतान करने के लिए बिजली बकाया पैसों का प्रमुख रूप से उपयोग किया जाएगा। मौजूदा स्थिति चीनी मिलों के अन्य राजस्व प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। चीनी मिलों से उम्मीद की जाती है कि, वे गन्ने का बकाया जल्द से जल्द ख़त्म कर दें क्योंकि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधे जुड़ा हुआ है। इसलिए यह आवश्यक है कि गन्ना किसानों के हित में UPPCL द्वारा तत्काल बकाया भुगतान किया जाए।
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