लखनऊ, 11 जनवरी, देश के सबसे बडे गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ना पैराई सत्र चरम पर है। प्रदेश में इस साल 119 मिलों मे पैराई सत्र चल रहा है।
राज्य सरकार द्वारा जारी सूचना के अनुसार वर्तमान सरकार के प्रयासों की बदौलत चालू गन्ना पैराई सत्र 2019-20 में गन्ना किसानों को 4,848.62 करोड रुपयों का भुगतान किया गया है। जिसमें सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीते गन्ना पैराई सत्र 2018-19 में 33,048 करोड़ रुपयों में से 31,234 करोड़ रुपये का भुगतान करवाया है जो 94.51 फीसदी है। यही नहीं गन्ना व चीनी विकास विभाग ने गन्ना किसानों और चीनी मिलों के बीच समन्वय स्थापित कर संवादहीनता को समाप्त आपस में तारतम्य बनाने का काम किया है। सरकार का मानना है की देश के अन्य राज्यों में गन्ना किसान बकाया के लिए आंदोलन कर रहे हैं लेकिन यहाँ पर गन्ना किसान पैराई सत्र में व्यस्त है। यहाँ पर किसानों की ज़िलेवार लिस्टें बनायी गयी है। उक्त के अतिरिक्त विगत पेराई सत्र 2017-18 का 35,423 करोड़ रुपये एवं पूर्व पेराई सत्रों का 10,652 करोड़ रुपये का भूगतान भी सुनिश्चित कराया गया है। राज्य सरकार ने इसके लिए बकायादा योजनाबद्द तरीक़े से काम किया है। जिसके कारण बीते दो सालों में ही कुल 82,158 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया किसानों के खाते में स्थानांतरित करवाया जा चुका है।
ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल के बाद देश की चीनी मिलों में गन्ना किसानों के बकाया को समय पर चुकाने के लिए स्पष्ट गाइडलाइन बनाने के राज्यों को निर्देंष दिए गए थे जिसके बाद राज्य सरकार ने गन्ना पैराई सत्रों में एक कार्य योजना बनाकर काम शुरु किया गया है, जिसके चलते अब न तो गन्ना किसानों का कहीं बकाया रह रहा है और न ही आर्थिक तंगी के कारण चीनी मिलें बंद हो रही है।
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