पीलीभीत : उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विभाग ने पीलीभीत के गन्ना उत्पादकों को खेतों में सूखे गन्ने के पत्तों को जलाने से रोकने के लिए डीकंपोजर का वितरण शुरू कर दिया है।
IANS में प्रकाशित खबर के मुताबिक, यूपी काउंसिल ऑफ गन्ना रिसर्च (यूपीसीएसआर) और कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) के वैज्ञानिक भी किसानों के साथ फसल अवशेषों को डिकम्पोज की वैज्ञानिक पद्धति साझा कर रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा, विभाग ने जिले के प्रत्येक गन्ना उत्पादक को डीकंपोजर की एक यूनिट मुफ्त में उपलब्ध कराई है। इससे न केवल वायु प्रदूषण काफी हद तक कम होगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित होगी। पीलीभीत में केवीके के प्लांट फिजियोलॉजिस्ट डॉ. शैलेंद्र सिंह ढाका ने कहा कि, डीकंपोजर के प्रयोग के बाद सूखी पत्तियों को 10 से 12 दिनों के भीतर खाद में बदल दिया जाता है, जो नाइट्रोजन, पोटाश, फास्फोरस और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो मिट्टी का स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।