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लखीमपुर खीरी : चीनीमंडी
देशभर में गन्ने की फसल किसानों के लिए अच्छी आमदनी का जरिया बनी है, गन्ना फसल के विकास के लिए कई संशोधन किये जा रहे है। जिसमे कम पानी की लागत से आनेवाली फसल, रिकवरी में बढ़ोतरी, किसानों को प्रशिक्षण आदि कदम उठाये जा रहे है। अब उत्तर प्रदेश की गुलरिया चीनी मिल अब इससे एक कदम आगे जाकर नई तकनीक का इस्तेमाल कर रही है, जिसमे गन्ने का सर्वे करने के लिए मिल द्वारा सेटेलाइट का इस्तेमाल किया जायेगा। सेटेलाइट के इस्तेमाल से रकबे की पूरी जानकारी चंद पलों में मिल को मिल सकती है।
मिल प्रबंधन का दावा किया है कि, सेटेलाइट से सर्वे का काम देश में पहली बार यहीं से शुरू हो रहा है। केरल की कंपनी के डायरेक्टर ने मिल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को डेमो करके दिखाया। सर्वे शुरु करने के लिए हैंड मशीन भी आ चुकी हैं। इसके इस्तेमाल से गन्ना सर्वे में होने वाली परेशानियों एवं रोगग्रस्त या बाढ़ ग्रस्त केन एरिया को आसानी से पहचाना जा सकेगा। इससे सट्टों में धांधली, सर्वे न चढ़ाने के आरोप, और वास्तविक गन्ना क्षेत्रफल की जानकारी मिलेगी। गुलरिया चीनी मिल इस सेटेलाइट इस्तेमाल में कामयाब हो जाती है, तो उत्तेर प्रदेश समेत महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाना और पंजाब की मिले भी इस तकनीक का सहारा ले सकती है।