बिजनौर: उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के कहना है की वे वित्तीय संकट से गुजर रहें हैं, क्योंकि मिलों ने वर्तमान फसल सीजन में किसानों को केवल 54% का भुगतान किया हैं। किसानों ने कहा कि, उन्हें बिजली बिल और स्कूल फीस का भुगतान करना भी मुश्किल हो रहा है। पेराई सत्र अभी जारी है, और मिलों को अभी तक इस सीजन 11,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना विभाग द्वारा उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में लगभग 40 लाख गन्ना उत्पादक हैं, जिन्होंने अपनी फसल 120 चीनी मिलों को बेची है। इनमें से तीन सरकारी संचालित मिलें हैं, 24 सहकारी समितियों द्वारा संचालित और 93 मिलें निजी क्षेत्र से हैं। मिलों को गन्ना किसानों को गन्ना खरीदने के 14 दिनों के भीतर भुगतान करना होता है, लेकिन ऐसा काफी कम समय में होता है। अब तक, किसानों ने मिलों को 26,906 करोड़ रुपये के गन्ने की आपूर्ति की है। जिसमें से 24,376 करोड़ रुपये का बकाया 14 दिनों से अधिक पुराना है। मिलों ने चालू पेराई सत्र के लिए किसानों को 13,334 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जो कुल बकाया का केवल 54.7% है। इसके अलावा, 11,041 करोड़ रुपये का बकाया अभी भी लंबित है।