सहारनपुर: उत्तर प्रदेश में हर साल गन्ना उत्पादन का नया रिकॉर्ड स्थापित किया जा रहा है, इसमें किसान, चीनी मिलों के साथ साथ गन्ने की नई प्रजातियों का बड़ा योगदान है। गन्ने की नई प्रजातियां कम लागत में बेहतर उत्पादन और ज्यादा मिठास का गन्ना देती है। जिससें किसानों के साथ साथ मिलों को फायदा हो रहा है।खासकर पश्चीमी उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का नई प्रजातियों के तरफ रुझान बढ़ गया है।
Univarta.com में प्रकाशित खबर के मुताबिक, त्रिवेणी चीनी मिल ग्रुप की देवबंद इकाई के उपाध्यक्ष दीनानाथ मिश्र ने कहा कि, गन्ना उत्पादन के क्षेत्र में नई प्रजातियों का चीनी उद्योग को काफी फायदा हुआ है। त्रिवेणी चीनी मिल ने बीते पेराई सत्र में एक करोड़ 60 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करके 16 लाख 80 हजार 68 बोरी चीनी का उत्पादन किया है। नये प्रजातियों से चीनी रिकवरी में भी बढ़ोतरी हुई है। पहली बार देवबंद इकाई ने 13 प्रतिशत चीनी रिकवरी हासिल की है।
उन्होंने बताया कि कोयम्बटूर गन्ना प्रजनन संस्थान और हरियाणा के करनाल ने जो नई गन्ना प्रजाति 15023 विकसित की है इससे चीनी क्षेत्र में नई क्रांति आ जाएगी। इस प्रजाति का बीज देवबंद क्षेत्र में भी तैयार किया जा रहा है।
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