लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल का उत्पादन करने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा किया जाता है, तो अधिशेष चीनी की समस्या काफी हदतक कम हो जाएगी। गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करना भी मिलों के लिए आसान हो जायेगा। गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल उत्पादन की यह तकनीक ब्राजील में काफी लोकप्रिय है, जो दुनिया का प्रमुख चीनी उत्पादक देशों में से एक है।
टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने कहा कि, ‘गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल उत्पादन’ प्रस्ताव अंतर-विभागीय परामर्श के चरण में है। गन्ने के रस से सीधे इथेनॉल के उत्पादन की अनुमति देने के लिए एक औपचारिक नीति तैयार करनी होगी। केंद्र सरकार ने पहले ही व्यापक नीतिगत ढांचा बनाया है।
विशेषज्ञों का कहना है की इथेनॉल का उत्पादन मिलों की वित्तीय और नकदी प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
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Hme chalu krna h ethanol plant
Political interference should be removed between farmers and Mill owners than everything will be on line and problems will be solved.