उत्तर प्रदेश: राइस मिलों को चीनी उद्योग की तरह आर्थिक पैकेज देने की मांग

रामपुर: उत्तर प्रदेश की राइस मिलों ने राज्य सरकार से चीनी उद्योग की तरह आर्थिक पैकेज देने की मांग की। उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजन किया गया था। सम्मेलन में मुख्य अतिथि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख के सामने राइस मिलों के मालिकों ने अपनी मांगे रखीं।

अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, एसोसिएशन ने राइस मिलों को उत्तराखंड की तर्ज पर बिजली दरों में छूट, राइस मिलों को चीनी उद्योग की तर्ज पर आर्थिक पैकेज और धान क्रय नीति 2023-24 में आवश्यक बदलाव करने की मांग की।

मंत्री बलदेव सिंह औलख ने मांगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर राइस मिल मालिकों ने धान की खरीद क्रय केंद्रों के बजाय आढ़तियों द्वारा करने, विभिन्न क्रय एजेंसियों पर लंबित भुगतान, चावल उद्योग को प्रोत्साहन देने की समस्या उठाई। राज्यमंत्री औलख ने कहा कि, नई पालिसी बनाकर राइस मिल उद्योग को और बेहतर किया जाएगा।

राइस मिलर्स एसोसिएशन के चेयरमैन रमाकांत द्विवेदी ने कहा कि, सरकार सभी राइस मिलर्स का लंबित भुगतान शीघ्र करा दे और विद्युत दरों में छूट दे दे तो चावल उद्योग पहले से भी अधिक गति पकड़ लेगा। इस अवसर पर पुरुषोत्तम गोयल, पीडी अग्रवाल, विनय शुक्ला, प्रमोद सिंह, शाहजहांपुर जिलाध्यक्ष हरि किशोर गुड्डू, विवेक कुमार अग्रवाल, उत्तर प्रदेश आईआईए एग्रो इंडस्ट्रीज के चेयरमैन सुधीर अग्रवाल, बीएन शुक्ला, अजमेर सिंह छीना, गोविंद कांत द्विवेदी, विनय माहेश्वरी पुरुषोत्तम गोयल, आबिद अली, मंडल गोपाल अग्रवाल, चंदन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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