उत्तर प्रदेश: शामली जिले में गन्ने की को- 0238 प्रजाति के रकबे में गिरावट

शामली : पिछले कुछ सालों से गन्ने की को- 0238 प्रजाति रोग ग्रस्त हो गई है। जिससे उत्पादन में गिरावट के साथ साथ किसानों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। गन्ना विभाग, चीनी मिले और कृषि वैज्ञानिक भी किसानों को गन्ना बोआई के लिए को. 0238 प्रजाति को कम करने और उसके स्थान पर नई प्रजाति का क्षेत्रफल बढ़ाने ने की अपील कर रहे है। पुरे प्रदेश में को- 0238 प्रजाति को हटाने की मुहीम शुरू हुई है। इसका असर शामली जिले में भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि किसान अब इस प्रजाति से दुरी बनाते नजर आ रहे है।

हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर में कहा गया है की, लगभग दो दशकों से शामली के साथ ही पश्चिम की यूपी बेल्ट में को- 0238 गन्ने की प्रजाति का एक छत्र राज रहा। कारण वजन, गन्ने की मोटाई, और गन्ना रिकवरी अधिक होने से जिले की चीनी मिलों ने को-0238 प्रजाति का गन्ना बोने के लिए किसानों को प्रेरित किया। इस प्रजाति ने किसानों को मालामाल कर दिया, लेकिन समय के साथ अब इस प्रजाति में रोग पनपने लगा है। इसमें लाल सड़न रोग, टॉप बोरर, पोक्का बोइंग आदि रोग आने लगे है। इस कारण गन्ना विभाग गत दो तीन सालों से इस प्रजाति को न बोने के लिए एवं इसके स्थान पर नई प्रजातियों को बोने के लिए प्रेरित कर रहा है। डीसीओ रणजीत सिंह कुशवाह का कहना है कि जिले में गन्ने का रकबा 75 हजार हेक्टेयर है। इनमें लगभग 70 फीसदी रकबा 0238 प्रजाति का है। उन्होंने कहा, लगभग 22 फीसदी रकबा 0238 का घटा है।

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