कुशीनगर : कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, किसानों को ज्यादा राजस्व आर्जित करने के लिए गन्ने के साथ आलू की बुवाई करनी चाहिए। उत्तर प्रदेश में इस समय किसान आलू की बुवाई में जुटे हैं। किसान शरदकालीन गन्ने की बुवाई के साथ आलू की खेती करते है तो उन्हें दोहरा लाभ मिलने की संभावना है।
अमर उजाला में प्रकशित खबर के अनुसार, कृषि वैज्ञानिक डॉ.विनय कुमार मिश्र ने कहा कि सेवरही क्षेत्र में आलू की खेती जगदीशपुर, दाहूगंज, सुमही संतपट्टी, गोसाईपट्टी, मंझरिया, गौरीनगर, चखनी, रानीगंज, बभनौली, सरगटिया करनपट्टी, बैजू पट्टी, झड़वा, पिपरा मुस्तकिल, दोमाठ आदि गांव की मिट्टी उपयुक्त है। यदि किसान वैज्ञानिक तकनीक से गन्ने के साथ आलू की खेती करें तो उन्हें दोहरा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा,किसान कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी बादशाह, कुफरी सिंदूरी, कुफरी ज्योति, कुफरी अरुण, कुफरी राजेंद्र प्रमुख आदि प्रजाति के आलू बीज बो सकते हैं। ये सभी प्रजातियां 120 से 130 दिन में तैयार हो जाती हैं।