लखनऊ: पीलीभीत जनपद में जहां भुगतान में देरी, कीटों का हमला और अन्य कारणों के चलते कुछ किसानों ने गन्ने के खेती से मुह मोड़ लिया है। वही दूसरी तरफ महाराजगंज जनपद में किसानों को गन्ना खेती काफी पसंद आती दिख रही है। जनपद में गन्ने का रकबा बढ़ रहा है। कुछ वर्षों पहले महराजगंज जिले में चार-चार चीनी मिलें थी, लेकिन दो चीनी मिलों के बंद होने एवं करोड़ों रुपये गन्ना मूल्य फंसने के बाद कई किसानों ने गन्ना खेती को अलविदा कहा था। लेकिन पिछले कुछ सालों से गन्ना खेती को लेकर सरकार के सकारात्मक रवैये का परिणाम जिले में दिखाई दे रहा है। इस साल चीनी मिलों द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान समय से करने से महराजगंज के किसानों ने 2997 हेक्टेयर क्षेत्रफल में अधिक गन्ना खेती की है।
लाइव हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने आगामी पेराई सत्र 2024-25 को लेकर जिले में गन्ने की संभावित उत्पादन की जानकारी के लिए गन्ना विभाग ने सर्वे कराया था। गन्ना सर्वे में सिसवा व गड़ौरा क्षेत्र में गन्ने की खेती का रकबा कुछ बढ़ गया है। जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह यादव ने बताया कि गन्ने की खेती का क्षेत्रफल जानने के लिए सर्वे कराए गए थे। सर्वे में गन्ना विभाग को 19130 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना रकबा प्राप्त हुआ है। पिछले पेराई सीजन में जिले में 16133 हेक्टेयर क्षेत्रफल में किसानों ने गन्ने की खेती की थी। इस साल 2997 हेक्टेयर गन्ना रकबा अधिक प्राप्त हुआ है।
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