बिजनौर: किसानों ने आरोप लगाया है कि, हाथियों का झुंड जिले की सीमा से लगे कई गांवों में खड़ी गन्ने की फसल को नष्ट कर रहा है। वन विभाग से बार-बार शिकायत करने के बावजूद, उन्होंने कहा कि कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके कारण उन्हें अपने नुकसान के लिए मुआवजे और प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी। जैसे-जैसे कटाई का मौसम नजदीक आ रहा है, किसानों ने हाथियों को खेतों से नहीं भगाए जाने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। साहूवाला के किसान अमन सिंह ने कहा, हाथी भनौता, शाहनगर, इनायतपुर, सहारावाला और रामनगर गोसाई जैसे गांवों में उत्पात मचा रहे हैं। ये गांव जंगल के किनारे हैं और हाथी अक्सर हमारे खेतों में घुस आते हैं, फसलों को रौंद देते हैं और भारी नुकसान पहुंचाते हैं।
रामनगर गोसाई के किसानों ने कहा कि, हाथियों के झुंड ने हाल ही में गन्ने और धान के खेतों को नष्ट कर दिया। जानवरों के रात में होने वाले हमलों ने खेत के रखवालों के लिए अपनी फसलों की सुरक्षा करना मुश्किल बना दिया है, कुछ तो अपनी सुरक्षा को लेकर भी डरे हुए हैं। बारिया के निवासी गुरजीत सिंह ने कहा, “पिछले एक साल से चार से छह हाथियों का झुंड रात होते ही हमारे खेतों में घुस जाता है। वे रात भर में फसलों को नष्ट कर देते हैं, जिससे हम असहाय हो जाते हैं। फसलों को नुकसान पहुंचाने के अलावा, किसानों को मजदूरों की कमी का भी सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मजदूर उन खेतों में जाने से कतराते हैं, जहां हाथियों की गतिविधि अक्सर होती है। ताहरपुर गांव के सुखजिंदर सिंह गोल्डी ने कहा, हम दो मोर्चों पर पीड़ित हैं- हमारी फसलें रौंदी जा रही हैं, और मजदूर डर के कारण खेतों में काम करने से इनकार कर रहे हैं। बारिया के निवासी जसवंत सिंह ने हाथियों को जंगल के भीतर रोकने में विफल रहने के लिए वन विभाग की आलोचना की।