महराजगंज : गड़ौरा मिल प्रबंधन ने पेराई सीजन की तैयारियां फिर शुरू कर दी है। मिल को गन्ना आवंटन कर दिया गया है।मिल शुरू होने से इस इलाके के किसानों को बड़ी राहत मिली है। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, गड़ौरा चीनी मिल की पेराई क्षमता प्रतिदिन की 45 हजार क्विंटल होने के कारण धीरे-धीरे क्षेत्र के हजारों किसान गन्ने की खेती करने लगे। लेकिन समय से गन्ना मूल्य भुगतान नहीं करने से गन्ना आयुक्त ने पिछले पेराई सीजन में गड़ौरा मिल को गन्ना नहीं दिया। गन्ना आयुक्त के इस निर्णय से किसान बुरी तरह से फंस गए। इसका नतीजा यह हुआ कि गड़ौरा, ठूठीबारी क्षेत्र के अधिकतर किसानों ने गन्ना लगाना ही छोड़ दिया।
खबर में आगे कहा गया है की, ठूठीबारी क्षेत्र के ग्राम लोहरौली निवासी दीपू पांडेय का कहना है कि गड़ौरा मिल के चालू होने की खबर सुनकर किसानों की टेंशन दूर हो गई है। कई किसान अब शरदकालीन गन्ने की बुआई करने की तैयारी में लगे हुए हैं। ग्राम पिपरिया निवासी हरिशचंद्र प्रजापति का कहना है कि गड़ौरा मिल में किसानों की गाढ़ी कमाई फंसने से किसान बड़े परेशान रहे हैं। पर मिल में पेराई शुरु होने की खबर से गन्ने की नकदी खेती करने वाले किसान काफी खुश हैं। इसी प्रकार ग्राम कुड़िया निवासी विपिन सिंह का कहना है कि गड़ौरा मिल के चलने से कर्मचारियों का बकाया भुगतान भी धीरे-धीरे होने की उम्मीद है। जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह यादव ने कहा की, गड़ौरा मिल पर गन्ना मू्ल्य के रूप में किसानों की अब कोई देनदारी नहीं है। देनदारी समाप्त होने के बाद प्रबंधन मिल को चालू करना चाहता है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन में गड़ौरा मिल को गन्ना मिलने की पूरी उम्मीद है।