लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘पंचामृत योजना’ (Panchamrut Yojana) किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। योगी सरकार ने पिछले पेराई सत्र में गन्ना समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की थी, जिसमे अग्रिम किस्म के लिए 350 रुपये, सामान्य किस्म के लिए 340 रुपये और अनुपयुक्त घोषित प्रजातियों के लिए 335 रुपये शामिल हैं।
यूपी सरकार द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार, पंचामृत योजना गन्ने की उत्पादन लागत को कम करने के साथ-साथ पांच तकनीकों के माध्यम से उत्पादकता और भूमि की उर्वरता बढ़ाने का प्रयास करती है। जिसमें गन्ने की बुवाई के लिए प्रबंधन, कचरा मल्चिंग, ड्रिप सिंचाई और सह-फसल विधि शामिल है। इस योजना का उद्देश्य पानी की बचत और गन्ने की पराली और पत्तियों के अधिकतम उपयोग के माध्यम से लागत को कम करना, उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को बचाना, अधिक उत्पादकता के लिए एक से अधिक फसलों की खेती को बढ़ावा देना और साथ ही साथ किसानों की आय में वृद्धि करना है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए खेतों में पत्तियों को जलाने की आवश्यकता नहीं होगी।
गन्ना विकास विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, ‘पंचामृत योजना’ के तहत राज्य में कुल 2028 किसानों का चयन शरद ऋतु के मौसम से पहले मॉडल भूखंड विकसित करने के लिए किया जाएगा। इस भूखंड का न्यूनतम क्षेत्र 0.5 हेक्टेयर होगा, जबकि मध्य और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की गन्ना विकास परिषदों में से प्रत्येक में कम से कम 15 भूखंडों और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 भूखंडों का चयन किया जाएगा। ‘पंचामृत योजना’ के तहत अधिकतम परिणाम के लिए विधियों के कार्यान्वयन के संदर्भ में जिलेवार विभिन्न लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
गन्ना विकास विभाग के अधिकारी गेहूं की कटाई के बाद गन्ने की खेती के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए यूपी के विभिन्न जिलों के गांवों का दौरा कर रहे है। अधिकारी ने बताया कि पंचामृत योजना किसानों को अतिरिक्त आय के लिए बाजार की मांग के अनुसार गन्ने के साथ तिलहन, दाल और सब्जियां उगाने की भी अनुमति देगी।साथ ही सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम मिले।