लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए एक बड़ी उपलब्धि में, उत्तर प्रदेश ने राज्य में पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने में सफलता हासिल की है, जहां 2017 में 8,784 मामले घटकर 2023 के 10 महीनों में मात्र 906 रह गए है।
राज्य में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार लगातार किसानों को जागरूक करने में लगी हुई है। इसके अतिरिक्त, नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ जुर्माना लगाने सहित सख्त कदम उठाए जा रहे है। परिणामस्वरूप, पराली जलाने की घटनाओं में साल दर साल लगातार गिरावट आ रही है।
कानून को सख्ती से लागू करने से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के उन स्थानों पर भी पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है, जो पहले इस खतरे का सामना करते थे। एनसीआर में यूपी के लोग भी खतरे के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं और पराली जलाने से बचने के लिए आवश्यक उपाय कर रहे हैं।
राज्य सरकार फसल अवशेष प्रबंधन पर खासा जोर दे रही है। पराली जलाने की घटनाओं के संबंध में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2022 में कुल 3,017 मामले सामने आए। हालांकि, योगी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े उपायों और जागरूकता अभियानों के कारण, 2023 के पहले 10 महीनों में केवल 906 मामले सामने आए हैं। इससे पहले, 2017 में पराली जलाने के 8,784 मामले, 2018 में 6,623, 2019 में 4,230, 2020 में 4,659 और 2021 में 4,242 मामले दर्ज किए गए थे।