लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने मक्का और धान के साथ खरीफ मार्केटिंग वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ‘बाजरा’ (पर्ल बाजरा) खरीदने का फैसला किया है। आपको बता दे की, बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2350 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह कदम अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष से पहले मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए सरकार की बड़ी योजना का हिस्सा है।
15 अक्टूबर को यह योजना शुरू होगी, जिससे अलीगढ़, हाथरस, कासगंज, एटाह, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मेनपुरी, बरेली, बुडौन, सांभल, बुलडशेर, कनपुर देहाट, औरैया, इटावा, जालान, प्रयागराज और गाजीपुर इस जिलों के किसानों को बड़ा फायदा होगा।चूंकि गेहूं और धान की तुलना में मोटे अनाज को कम पानी की आवश्यकता होती है और उत्पादन लागत के मामले में अधिक किफायती होते है। राज्य सरकार ने किसानों को मक्का, जवार, बाजरा (पर्ल मिलेट्स) और जौ जैसे प्रमुख मोटे अनाज की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति आयुक्त सोराभ बाबू ने बताया कि, राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संस्थागत खरीद प्रणाली के तहत मोटे अनाज की खरीद की दिशा में काम कर रही है। राज्य में बाजरा की खेती बढ़ रही है। एक ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, सरकार बाजरा की खेती को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है।प्रस्तावित कार्य योजना में, सरकार खेती क्षेत्र, बाजरा के उत्पादन और भूमि की उत्पादकता को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। सरकार ने बाजरा की खेती के क्षेत्र को बढ़ाने की योजना बनाई है, जो वर्तमान में 9.80 लाख हेक्टेयर है।