लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने मक्के का उत्पादन बढाने पर जोर दिया है, जिसका सीधा फायदा एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी होगा। केंद्र सरकार की एथेनॉल समिश्रण निति के नक्शेकदम पर चलते हुए उत्तर प्रदेश ने एथेनॉल उत्पादन में अपना अलग मुकाम हासिल किया है। देश में इस बार के खरीफ सत्र में मक्के के 41.09 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई है (8 जुलाई 2024 तक), जबकि पिछले मक्के की बुवाई 30.22 लाख हेक्टेयर थी।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, प्रदेश में वैसे अब तक गन्ने से ही एथेनॉल उत्पादन पर ज्यादा फोकस किया जाता था। हाल ही में मक्के से भी एथेनॉल उत्पादन की शुरुआत हुई। मक्के की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मक्के को अच्छे दाम मिलने से किसानों का भी मक्के की खेती की तरफ रुझान बढ़ रहा है।
मजबूत मक्का उत्पादन और डाउनस्ट्रीम मूल्य श्रृंखला के साथ, सरकार राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और अपने प्रमुख ट्रिलियन-डॉलर अर्थव्यवस्था रोडमैप का समर्थन करना चाहती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट में किसानों को अतिरिक्त लाभ प्रदान कर और विशेष सत्र आयोजित कर 75 जिलों में इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए मक्का विकास कार्यक्रम को मंजूरी दी। राज्य विभिन्न मक्का प्रचार कार्यक्रमों पर लगभग 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगा और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देगा।