उत्तर प्रदेश सरकार की गन्ना सट्टा नीति फायदेमंद, किसानों की परेशानियां होंगी कम

हापुड़ : प्रदेश की योगी सरकार चीनी उद्योग और गन्ना किसानों को बढ़ावा देने के लिए पिछले कुछ सालों से जमकर प्रयास कर रहे है। राज्य सरकार के यह प्रयास उद्योद के विकास के लिए काफी कारगर साबित हो रहे है। इस कड़ी में अब सरकार की गन्ना सट्टा नीति भी जुड़ गई है। नई गन्ना सट्टा नीति में लघु एवं छोटी जोत वाले किसानों का सर्वाधिक ख्याल रखा गया है। तीस सितंबर तक बनने वाले नए सदस्यों को भी गन्ना आपूर्ति का लाभ इसी पेराई सत्र से देने की व्यवस्था किया जाना बेहद सराहनीय कदम है।चीनी मिलों को पहली बार गन्ने की कटाई मशीन से करने की अनुमति प्रदान कर दी गई।

हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, किसान नितिन शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार ने गन्ना सट्टा नीति में लघु एवं छोटी जोत वाले किसानों के हित को खास तौर पर तवज्जोह दी है, जिससे गन्ना सप्लाई में प्राथमिकता मिलने से अब पर्ची किल्लत की समस्या से भी नहीं जूझना पड़ेगा। पूर्व प्रधान चुन्ना खां ने दावा किया की, चीनी मिलों को पहली बार गन्ने की कटाई मशीनों द्वारा कराए जाने की अनुमति मिलने से किसानों को बड़े स्तर पर राहत होगी, क्योंकि मजदूर और छुलाई करने वालों की किल्लत के कारण गन्ने की आपूर्ति करने में सर्वाधिक दिक्कतों का सामना करना मजबूरी बनी रहती थी। नई गन्ना सट्टा नीति को मंजूरी मिलने से लघु एवं छोटी जोत वाले किसान खुश हैं, क्योंकि आपूर्ति में प्राथमिकता मिलने और तीस सितंबर तक बनने वाले नए सदस्यों को आगामी पेराई सत्र से ही लाभ दिए जाने के कारण अब जरूरतमंद किसानों को अपना गन्ना बेहद सस्ते दाम में कोल्हू क्रेशरों पर बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

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