लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों को अपने खेतों और फसलों उर्वरकों को स्प्रे करने के लिए कृषि समितियों और स्व-सहायता समूहों को 40 प्रतिशत सब्सिडी पर 88 ड्रोन देने की योजना बनाई है। पहले चरण में, किसानों के समूह, सहकारी समितियों और कृषि स्नातक सब्सिडी के लिए पात्र होंगे। वे किसानों को किराए पर ड्रोन दे पाएंगें।
कृषि विभाग के उप निदेशक गिरीश चंद्र ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया की, इस तकनीक के साथ, 75 जिलों के एक बड़े क्षेत्र को कम समय में कवर किया जाएगा। पहले चरण में 88 ड्रोन प्रदान किए जाएंगे।
अधिकारियों के अनुसार, एक ड्रोन 10-12 किलोग्राम नैनो (तरल) यूरिया या कीटनाशक को ले जाने में सक्षम है और 10 मिनट में आठ बीघा में गन्ने की फसलों पर उर्वरक को स्प्रे कर सकता है। ड्रोन फसलों के उत्पादन की लागत और समय दोनों को कम कर देगा। पिछले साल बिजनौर जिले में गन्ना विभाग द्वारा नैनो यूरिया का पहला परीक्षण किया गया था। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जेपी चौधरी ने कहा की, प्रत्येक ड्रोन की लागत 7-10 लाख रुपये के बीच होती है। सरकार लाभार्थियों को 40% सब्सिडी प्रदान करेगी। किसान फसलों की उपज को बढ़ाने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग करने में सक्षम होंगे। ड्रोन खड़ी फसलों पर उर्वरक और कीटनाशकों का छिड़काव कर सकते है।